बोकारो, ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा बोकारो की ओर से शुक्रवार को बीएसएल के हॉट स्ट्रीप मिल कैंटीन रेस्ट रूम में मजदूर सभा का आयोजन किया गया. अध्यक्षता रवींद्र कुमार ने की. एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह ने केंद्र सरकार की मजदूर, किसान व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नौ जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर अपनी योजनाओं को बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को लागू करने की कोशिशों में लगातार तेजी ला रही है. यह संहिताएं ना केवल स्थायी रोजगार को खत्म करती हैं, बल्कि ट्रेड यूनियन के अधिकारों, हड़ताल के अधिकार और सामाजिक सुरक्षा को भी छीनने की साजिश हैं.
संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाये
सीटू के आरके गोराई ने कहा कि हड़ताल को बीएसएल-सेल में 21 सूत्री मांगों के साथ किया जा रहा है, इनमें प्रमुख हैं कि चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द, सभी मजदूरों के लिए 26000 रुपये न्यूनतम वेतन और 9000 रुपये न्यूनतम पेंशन, पुरानी पेंशन योजना बहाल, महंगाई पर रोक, आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटे, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक, यूनियन बनाने के अधिकारों का सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी ज़रूरतों की सार्वजनिक गारंटी, 39 महीने का एरियर, ग्रेच्युटी पर सीलिंग नहीं, एमओयू को एमओए बनाना आदि शामिल है. बीएसएल सहित सेल के कर्मियों व ठेका मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है.
संविधान, अधिकार और रोटी की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर
एचएमएस के राजेश कुमार ने कहा कि यह हड़ताल सिर्फ एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि लंबे संघर्ष की शुरुआत है. मजदूर वर्ग अब पीछे नहीं हटेगा. संविधान, अधिकार और रोटी की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है. सभा को एआइयूटीयूसी के सुभाष प्रमाणिक व एटक के ब्रजेश कुमार, प्राण सिंह ने भी संबोधित किया. वहीं दूसरी ओर, शुक्रवार की शाम को मोर्चा की ओर से एक सभा सेक्टर नौ गेट के समक्ष आयोजित किया गया, जिसे एटक के बीके राम, जितेंद्र शर्मा, सीटू के एन सिंह, एक्टू के देवदीप सिंह दिवाकर ने संबोधित किया. अध्यक्षता आइडी प्रसाद ने की. सभी वक्ताओं ने हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है