Bokaro News : दिसंबर-24 में दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से एनजेसीएस में सुधार के लिये दिये गये तीन माह के समय बीत जाने के बावजूद इस्पात मंत्रालय की ओर से कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाये जाने के बाद बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस ने पुनः दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है. जिस पर कोर्ट ने 14 मई को सुनवाई की. संबंधित पक्षों को नोटिस देकर जवाब मांगा. मुकदमे की अगली सुनवाई 29 मई को निर्धारित की गयी है. यह जानकारी बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने रविवार को दी.
एनजेसीएस में पांच ट्रेड यूनियन को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट का कोटा :
एनजेसीएस में 25 यूनियन प्रतिनिधि में से 15 प्रतिनिधि नामांकित हैं. पांच ट्रेड यूनियन को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट का कोटा दिया गया है, जिस पर यूनियन अपना-अपना सदस्य नामांकित करते हैं. इस पर बीएकेएस का तर्क है कि सेल की प्रत्येक इस्पात प्रोडक्शन यूनिट से रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का प्रावधान किया गया है. अर्थात सेल कर्मियों के वास्तविक प्रतिनिधि एनजेसीएस में मौजूद है, तो नॉमिनेटेड प्रतिनिधियों की कोई भी जरूरत नहीं है. इस परंपरा को जितनी जल्द हो सके खत्म करना चाहिए.श्रमिक प्रतिनिधि के नाम पर बाहरी व गैर निर्वाचित नेता प्रबंधन में भागीदार :
बीएकेएस का तर्क है कि श्रम मंत्रालय व डीपीई की ओर से दी गयी गाइडलाइन के अनुसार विभिन्न कमेटियों के माध्यम से श्रमिकों को प्रबंधन में भागीदारी दी जानी है. लेकिन, एनजेसीएस में श्रमिक प्रतिनिधि के नाम पर बाहरी व गैर निर्वाचित नेता प्रबंधन में भागीदार बन रहे हैं. आज तक सेल स्तर पर सदस्यता सत्यापन नहीं हुआ है कि किस ट्रेड यूनियन के पास कितने सदस्य हैं. भिलाई, सेलम व राउरकेला चुनाव में एटक व एचएमएस को 100 से कम वोट मिलता है. फिर भी इनको तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट दिया गया है. ॉडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है