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CCL News: कोकिंग कोल में आत्मनिर्भरता की ओर CCL, रिवाइज्ड PR से बड़े उत्पादन की तैयारी

CCL News: सीसीएल कोकिंग कोल के विदेशी आयात को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. इसे लेकर सीसीएल का मेगा प्लान तैयार हो चुका है. कंपनी के सीएमडी ने बताया कि स्टील उत्पादन के लिए कोकिंग कोल जरूरी है. सीसीएल रिवाइज्ड पीआर से बड़े उत्पादन की तैयारी में है.

बेरमो, राकेश वर्मा: सीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक निलेदू कुमार सिंह ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में कहा कि डीआरएंडआरडी परियोजना के तहत अब छोटे-छोटे पैच के बजाए वृहद पैमाने पर कोयला उत्पादन किए जाने की योजना है. इसके लिए रिवाईजड पीआर बनाया जा रहा है. इस परियोजना से उत्पादन शुरू करने के लिए कंपनी की सोच है कि आने वाले 15 से 20 वर्षों तक यहां से उत्पादन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. जानकारी हो कि निलेदू करगली गेस्ट हाउस में प्रभात खबर से विशेष बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को आने वाले दिनों में कोकिंग कोल की काफी जरूरत है. 2030-32 तक स्टील उत्पादन के लिए एक सौ मिलियन टन कोकिंग कोल की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए मंत्रालय स्तर पर मिशन कोकिंग कोल प्लान बनाया गया है. ताकि विदेशों से आने वाले कोकिंग कोल के आयात को कम किया जा सके. पांच नई वाशरी भी सीसीएल (CCL News) में आने जा रही है. इसमें चार का टेंडर हो गया है. कथारा वाशरी में बनने वाली नई वाशरी का शिलान्यास एक माह में होगा.

बंद पिछरी माइंस को खोलने के लिए बनाया गया है टेरी रजिस्टर

इसी क्रम में उन्होंने आगे कहा कि ढोरी की बंद पिछरी माइंस को खोलने के लिए कंपनी गंभीर है. जिला प्रशासन व सीसीएल दोनों की टीम ने मिलकर भूमि सत्यापन के लिए टेरी रजिस्टर बनाया है. इसे बेसिक रजिस्टर मानकर जमीन का सत्यापन कार्य शुरू होगा. इसमें भी चार पांच माह का समय लगेगा. लेकिन हर हाल में पिछरी माइंस चालू होगा.

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कंपनी ने मॉनसून की पूरी तैयारी कर रखी है

सीसीएल अध्यक्ष ने बताया कि कंपनी ने मॉनसून की पूरी तैयारी कर रखी है. मोटर पंप की खरीददारी हो गई है और पाइपलाइन की भी खरीददारी आधी हो गई है. 20 जून तक हमारी सारी मॉनसून की तैयारी पूरी हो जायेगी. ऐसी स्थायी सड़कें जहां पांच साल तक कोई डिस्ट्रबेंस नहीं है, उसे भी कंक्रिटिंग करने का काम तेज गति से चल रहा है. सीसीएल ने फिलहाल 48 नए डंपर खरीदे हैं. हम कंपनी के विभागीय उत्पादन क्षमता को पूर्व की स्थिति में लाने का प्रयास कर रहे हैं. काफी संख्या में टायर की खरीददारी हुई है. फोग कैनन मशीन भी लिया गया है. अक्टूबर माह तक रोड स्विपिंग मशीन भी आ जाएगी.

तीन एरिया 19 मिलियन टन करेगी उत्पादन

उन्होंने आगे बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सीसीएल अपने निर्धारित उत्पादन लक्ष्य 105 मिलियन टन को प्राप्त करेगा. इसका रोडमैप कंपनी ने वित्तीय वर्ष समापन के तीन चार माह पूर्व बना लिया था. बेरमो के तीन एरिया बीएंडके, कथारा, ढोरी चालू वित्तीय वर्ष में 19 मिलियन टन के करीब उत्पादन करेंगे. एरिया के कारो ओसीपी में वन विभाग के स्टेज दो का क्लियरेंस मिल गया है, जल्द पेड़ कटिंग का टेंडर अवार्ड होगा. कथारा एरिया का उत्पादन भी काफी बिल्डअप हुआ है. ढोरी एरिया भी काफी बेहतर कर रहा है. एरिया के अमलो माइंस को पूरे सीसीएल का मॉडल बनाने की योजना है, क्योंकि यहां जमीन के अलावा लॉजस्टिक उपलब्ध है.

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चार फोरेस्ट क्लीयरेंस लेने में मिली सफलता

वहीं, निलेदू कुमार सिंह ने कहा कि सीसीएल के पास एक अप्रैल 2025 तक कुल 13 मिलियन टन कोल स्टॉक था, जबकि गत वर्ष एक अप्रैल 2024 में कोल स्टॉक 11 मिलियन टन था. गत वित्तीय वर्ष सीसीएल ने अबतक का सबसे ज्यादा उत्पादन किया. जबकि हमारे पास भूमि भी कम थी. पूरे सीसीएल में 40 प्रतिशत भूमि वन भूमि है. फिलहाल हमने चार फॉरेस्ट क्लीयरेंस पाने मे सफलता पाई है. जिसमें कारो, मगध, आम्रपाली और रजरप्पा एरिया शामिल हैं. इसमें राज्य सरकार का अभूतपूर्व सहयोग हमें मिल रहा है. कोतरे बसंतपुर परियोजना भी अप्रैल के प्रथम सप्ताह से चालू हो गई है. इस साल यहां से 1.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन होगा. यह सीसीएल की सबसे बड़ी कोकिंग कोल माइंस है.

CCL का पिछले साल का मुनाफा 800 करोड़ से ज्यादा

उन्होंने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में सीसीएल ने आठ सौ करोड़ से ज्यादा का मुनाफा अर्जित किया. जबकि प्रॉफिट का इजाफ सिर्फ 1.5 मिलियन टन था. मुनाफा का कारण यह रहा कि कंपनी ने कोयले की गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखा. कोल क्वालिटी 2024-25 में 96 परसेंट रहा. वहीं, 2023-24 में यह 76 परसेंट था. 2024-25 में कंपनी ने कोल डिस्पैच में 4.5 मिलियन टन का ग्रोथ किया था. कहा कि सीसीएल की कोतरे बसंतपुर चालू होने के बाद आगामी तीन चार माह में चन्द्रगुप्त एरिया भी चालू हो जायेगा. जुलाई अगस्त तक ढोरी के अमलो में सीसीएल का पहला हाईवाल माइनिंग से उत्पादन शुरू हो जाएगा. डीजीएमएस का परमिशन आना बाकी है.15 से 20 दिन में इलेक्ट्रिकल परमिशन आ जाएगा.

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आउटसोर्सिंग कंपनियां कर रही है बेहतर

बातचीत के दौरान सीसीएल के अध्यक्ष ने कहा कि सीसीएल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियां फिलहाल अच्छा काम कर रही है. सारूबेड़ा में एक आउटसोर्स कंपनी को टर्मिनेट करना पड़ रहा है. जारंगडीह में एक आउटसोर्स कंपनी जहां पहले मात्र एक हजार टन रोजाना उत्पादन कर रही थी. वह अब रोजाना ग्यारह हजार टन उत्पादन कर रही है.

नियमावली से बंधी हुई है कंपनी

एक सवाल के जवाब में कहा गया कि विस्थापित व ग्रामीण हमारे कंपनी के अंग है. कंपनी नियमावली से बंधी हुई है और नियमावली हमेशा अच्छा और ओपन होता है. इसमें छल प्रपंच का सवाल ही नहीं होता. कंपनी आर आर पॉलिसी के तहत जमीन और घर का मुआवजा, दो एकड़ पर नौकरी व पुनर्वास योजना पर काम करती है. विस्थापितों को यह बताने की जरूरत है कि इन योजनाओं के लाभ से उनके जीवन में किस तरह के बदलाव आयेंगे. इसे बहतर ढंग से बताने में कहीं न कहीं हम चूक जाते हैं.

कोयला चोरी रोकने के लिए आई ट्रिपल सी कर रहा है फंक्शन

कंपनी के अध्यक्ष निलेदू कुमार सिंह ने कहा कि कोयला चोरी रोकने के लिए सीसीएल काफी सजग होकर काम कर रही है. छह माह पहले आई ट्रिपल सी कंपनी के आठ एरिया में लॉन्च किया गया है, जो फंक्शनल है. शेष एरिया में भी जल्द फंक्शन शुरू हो जाएगा. आईटी पहलएटिव के तहत इसमें कैमरा, बुम बैरियर, आरए टैग और जीपीएस है. इसके अलावा खदान क्षेत्र के आसपास भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.मौके पर बीएंडके एरिया के जीएम चितरंजन कुमार भी उपस्थित थे.

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Rupali Das
Rupali Das
नमस्कार! मैं रुपाली दास, एक समर्पित पत्रकार हूं. एक साल से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं. यहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पहले दूरदर्शन, हिंदुस्तान, द फॉलोअप सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी काम करने का अनुभव है.

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