नागेश्वर, ललपनिया, बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत चुटे पंचायत के आदिवासी गांव खर्चाबेड़ा और जमुआबेड़ा चतरोचट्टी के बच्चों को उफनती छोटी नदी शिकाडूबा नाला पार करने के लिए रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा है. इन बच्चों को करीब तीन किमी पैदल चलकर चुटे गांव स्थित सरकारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. गांव वाले बारिश के इस मौसम में नाले की दोनों ओर स्थित पेड़ों से रस्सी को बांध दिये हैं, जिसे पकड़ कर बच्चे पैदल इसे पार करते हैं. इस दौरान यदि थोड़ी-सी भी चूक हो जाये, तो बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है. गांव वालों का कहना है कि इस बारे में कई बार शिकायत की गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
अमन पहाड़ से शिकाडूबा नाला में आता है पानी
शिकाडूबा नाले में अमन पहाड़ से पानी आता है. यह पहाड़ झुमरा पहाड़ का हिस्सा है. ग्रामीण बताते हैं कि पानी बढ़ने पर खर्चाबेड़ा और जमुआबेड़ा चतरोचट्टी शेष इलाकों से कट जाते हैं. बच्चों की पढ़ाई कई सप्ताह तक बंद हो जाती है. ग्रामीण बाजार नहीं जा पाते हैं. ऐसा हर साल बरसात में होता है. शिकाडूबा नाला पर पुल नहीं होने के कारण यह स्थिति बन पड़ती है. बहुत जरूरी पड़ने पर दोनों गांवों के बच्चे और ग्रामीण नाला के दोनों छोर पर रस्सी बांध कर जान जोखिम में डाल नाला पार करते हैं. कई बार नाला पार करने के दौरान मवेशी बह चुके हैं. पिछले साल एक महिला बह गयी थी.
अधिकारियों ने कई बार लिया जायजा, पर नहीं बना पुल
ग्रामीणों का कहना है कि नाला पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है. कई दफा विभागीय अधिकारियों ने पुल बनाने के लिए जायजा लिया, लेकिन यह नहीं बना. खर्चाबेड़ा में करीब 30 और जमुआबेड़ा में 45 घर हैं. दोनों गांवों की आबादी करीब 500 है. चुटे पंचायत के मुखिया मो रियाज ने कहा कि शिकाडूबा नाला पर पुल निर्माण बहुत जरूरी है. जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया है. तत्कालीन बीडीओ कपिल कुमार ने पुल निर्माण के लिए जेइ से मापी करायी थी. किंतु आज तक कुछ नहीं हुआ.
मामला संज्ञान में नहीं है. शिकाडूबा नाला पर पुल निर्माण को लेकर उपायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया जायेगा.महादेव कुमार महतो, बीडीओ, गोमिया
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