राकेश वर्मा, बेरमो, लगातार बारिश के कारण सीसीएल की अंडर ग्राउंड व ओपेन कास्ट माइंस में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. कंपनी के मुख्यालय से लेकर एरिया व कोलियरी स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम से रोजाना वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है. कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक मई व जून माह में कोयला उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है. बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया से मई से लेकर अभी तक करीब नौ लाख टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है. बीएंडके एरिया में चार लाख टन, ढोरी एरिया में 4.5 लाख टन तथा कथारा एरिया से एक लाख टन उत्पादन प्रभावित हुआ है. ढोरी एरिया की एएओडीसीएम से दो माह में चार लाख टन तथा एसडीओसीएम से करीब 40-50 हजार टन कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है. बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के ढोरी एरिया में अमलो, कल्याणी, तारमी, पुरनाटांड़ माइंस हैं. खास ढोरी में भूमिगत खदान भी है. बीएंडके एरिया में कारो, एकेके, बोकारो कोलियरी आदि परियोजनाएं हैं. इसके अलावा कथारा एरिया में जारंगडीह, कथारा तथा स्वांग-गोविंदपुर परियोजना के अलावा एक भूमिगत खदान गोविंदपुर यूजी माइंस है. अधिकतर खदानें खुली होने के कारण बारिश में कोयला उत्पादन प्रभावित होना स्वाभाविक है. हालांकि प्रत्येक वर्ष परियोजनाओं में प्रबंधन मानसून के पूर्व तैयारी करता है. खुली खदानों में भर गये पानी की निकासी के लिए उच्च क्षमता के मोटर पंपों का इस्तेमाल किया जाता है. जिस जगह से कोयला निकाला जाता है, वहां का फेस अक्सर बरसात में डूब जाता है. इस स्थिति से बचने के लिए प्लानिंग कर ऊपरी हिस्से में कोयले का फेस तैयार किया जाता है. वहीं, बारिश होने पर खदान की कच्ची सड़कों पर फिसलन हो जाती है और हालपेक, डंपर व अन्य भारी मशीनों के आवागमन में परेशानी होती है. बरसात के दिनों में खदानों में अतिरिक्त प्रकाश की आवश्यकता होती है. बारिश में बिजली भी बाधित होती रहती है
पिछले साल से ज्यादा हुई है बारिश
बीएंडके एरिया में जनवरी 2025 से अभी तक 785.0 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गयी है. पिछले वर्ष इस दौरान 340.6 एमएम बारिश हुई थी. ढोरी एरिया में जनवरी 2025 से लेकर अभी तक 887 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. पिछले वर्ष इस दौरान 391 एमएम बारिश हुई थी. कथारा एरिया में जनवरी 2025 से अभी तक 957.03 एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज की गयी है. पिछले साल इस दौरान 677.43 एमएम बारिश हुई थी.
सीएमडी ने कहा था, मानसून को लेकर पूरी हो गयी है तैयारी
18 मई को बीएंडके एरिया के दौरे पर आये सीसीएल सीएमडी निलेंदू कुमार सिंह ने कहा था कि कंपनी ने मानसून की पूरी तैयारी कर रखी है. मोटर पंप की खरीदारी हो गयी है और पाइपलाइन की भी खरीदारी आधी हो गयी है. ऐसी स्थायी सड़कें जहां पांच साल तक कोई डिस्ट्रवेंस नहीं है, उसे भी कंक्रिटिंग करने का काम तेज गति से चल रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है