बेरमो, पूर्व सांसद व इंटक (ददई गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के निधन के बाद यूनियन में उनका स्थान कौन लेगा, इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. महामंत्री एनजी अरुण ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि ददई दुबे के श्राद्ध कार्यक्रम के बाद संभवत: दिल्ली में संगठन के सभी वरीय पदाधिकारियों का जुटान होगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी. स्व दुबे ने मेहनत से जिस संगठन को खड़ा किया है, उसे हम सभी मिलकर आगे बढ़ायेंगे. मालूम हो कि कुछ वर्ष पहले स्व दुबे की ओर से पूरे देश में तीन करोड़ 36 लाख की सदस्यता का कागजात श्रम विभाग को सौंपा गया था. आरसीएमएस, राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन, केंद्रीय इंटक, झारखंड इंटक के अलावा यूरेनियम, आयरन ओर, इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन व रेलवे (अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर) में स्व दुबे के नेतृत्व में चलने वाली इंटक सक्रिय है.
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में चल रहे हैं दस मामले
इंटक में विवाद को लेकर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाईकोर्ट में दस मामले चल रहे हैं और विचाराधीन हैं. स्व दुबे के नेतृत्व में चलने वाली इंटक की ओर से सभी मामलों में एफिडिफिट दिया गया है. मामला न्यायालय में विचाराधीन रहने के कारण ही वर्ष 2016 से इंटक के सभी गुट कोल इंडिया की सभी कमेटियों से बाहर हैं. मालूम हो कि इंटक ददई दुबे गुट व रेड्डी गुट के बीच चल रहे विवाद को दूर करने को लेकर कुछ साल पहले कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. कमेटी में मल्लिकार्जुन खरगे तथा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शामिल थे. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. इसके बाद पुन: तारिक अनवर व उदित राज के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी का भी निष्कर्ष सामने नहीं आया.
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