Bokaro News : समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में उस समय एक भावुक दृश्य उत्पन्न हो गया, जब डीडीसी शताब्दी मजूमदार अपनी कुर्सी छोड़ कर रेलवे कॉलोनी कुर्मीडीह निवासी दिव्यांग रघुनाथ गोराईं के पास जाकर उनकी शिकायत को सुनी. रघुनाथ बीएसएल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कर्मी हैं, जिन्होंने प्लांट परिसर में ही हुए एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर गंवा दिये हैं. उन्होंने जनता दरबार में बताया : दुर्घटना के बाद उन्हें आउटसोर्सिंग कंपनी से जो तय मुआवजा – चिकित्सीय सहायता आदि तय हुआ था, वह नहीं मिल रहा है, जिससे काफी परेशानी हो रही है. रघुनाथ की व्यथा सुनकर डीडीसी ने न सिर्फ संवेदना व्यक्त की, बल्कि तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसएल प्रबंधन व संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी को मामले में अपना पक्ष लिखित रूप से रखने का संबंधित पदाधिकारी को पत्राचार करने का निर्देश दिया. मौके पर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आए 35 से अधिक लोगों ने विभिन्न समस्याओं से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए. डीडीसी ने सभी आवेदनों को गंभीरतापूर्वक सुना और कई मामलों का मौके पर ही निष्पादन करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को अविलंब जांच कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. जनता दरबार में भूमि अतिक्रमण, जमीन पर अवैध कब्जा, सिविल सर्जन कार्यालय, बीएसएल, कृषि, डीसीएलआर चास, परिवहन, आपूर्ति, कल्याण, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण विभाग आदि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए. जनता दरबार में डीपीएलआर निदेशक मेनका, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे.
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