गांधीनगर, कोयलांचल विस्थापित संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष वतन महतो ने मंगलवार को बैदकारो स्थित अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा कारो परियोजना के विस्तार को लेकर जंगल की कटाई जा रही है. बैदकारो, चरकपनिया व कारो बस्ती के ग्रामीण जंगल बचाने को लेकर लगातार एक माह से आंदोलन कर रहे हैं. शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को विगत दिनों सीसीएल प्रबंधन के समर्थक बेरमो प्रमुख के पति जितेंद्र महतो व उनके लोगों द्वारा जबरन रोका गया. महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए ग्रामीणों के साथ मारपीट की गयी. जो काम सीआइएसएफ, प्रशासन या सीसीएल के सुरक्षा गार्डों को करना चाहिए था, वह इन लोगों द्वारा क्यों किया गया, यह जांच का विषय है. आंदोलन कर रहे लोगों द्वारा हाथापाई नहीं की गयी है. जितेंद्र महतो के सिर में चोट कैसे लगी, इसकी जांच पुलिस करें. विस्थापित अहमद हुसैन ने कहा कि जंगल बचाने गये थे तो मुझ पर जानलेवा हमला किया गया.
श्री महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन पेड़ों को काटने से संबंधित एनओसी तथा ग्राम सभा की सहमति का पत्र दिखायें. लेकिन प्रबंधन ऐसा नहीं कर ग्रामीणों को लड़ा रहा है.गलत तरीके से वन भूमि दिखाने का आरोप
कहा कि वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत जंगल की जमीन पर वर्षों से जोत-कोड़ करने वाले का मालिकाना हक हो जाता है. वर्ष 1908 के खतियान में यह जमीन यहां के ग्रामीण एवं रैयतों की दिखायी जा रही है. इसके बावजूद उक्त जमीन को वन भूमि दिखा कर स्टेज वन व टू का क्लीयरेंस कैसे लिया गया, इसकी जांच होनी चाहिए. इसको लेकर मोर्चा द्वारा प्रधानमंत्री, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तथा संबंधित विभागों को पत्र प्रेषित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है