विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा, देश की स्वतंत्रता के बाद सात जुलाई 1948 को डीवीसी अस्तित्व में आया. इसका उद्देश्य बिजली उत्पादन व वितरण के अलावा सामाजिक व विकास कार्य करना था. साढ़े सात दशक से निगम अपने कमांड एरिया में विकास योजनाओं पर काम करता रहा है. सरकार द्वारा बिजली दर का टैरिफ तय किये जाने के बाद डीवीसी ने प्रतिस्पर्धा के दौर में उत्पादन बढ़ाया और उत्पादन लागत कम किया.
डीवीसी ने अब अपना पूरा ध्यान नये प्लांटों के निर्माण पर लगाया है. कोडरमा में 800 मेगावाट क्षमता की दो सुपर क्रिटिकल यूनिटों पर काम शुरू हो चुका है. चंद्रपुरा थर्मल में भी 800 मेगावाट की दो नयी सुपर क्रिटिकल यूनिटों के निर्माण को लेकर कोल इंडिया लिमिटेड के साथ करार हुआ है. बोकारो थर्मल में भी नया प्लांट बनाने की घोषणा की जा चुकी है. दुर्गापुर, रघुनाथपुर, मेजिया, डीएसटीपीएस में भी नया प्लांट लगाने पर डीवीसी काम कर रहा है.व्यावसायिक कार्य क्षेत्र के लिए प्राप्त किया आइएसओ 27001:2022 प्रमाणन
डीवीसी ने अपने सभी व्यावसायिक कार्य क्षेत्र के लिए आइएसओ 27001:2022 प्रमाणन प्राप्त किया है. यह डीवीसी के समर्पण, प्रतिबद्धता और ग्राहकों, विक्रेताओं व अन्य हितधारकों द्वारा सौंपी गयी संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा पर चल रहे प्रयासों का प्रमाण है. प्रबंधन का मानना है कि इस प्रमाणन से पावर सेक्टर में डीवीसी एक विश्वसनीय और जिम्मेदार इकाई के रूप में मजबूत हुई है.वित्तीय वर्ष 2024-25 में हासिल की कई उपलब्धियां
1. 43667 एमयू का संचयी उत्पादन हासिल किया, जिसमें 43370 एमयू का तापीय उत्पादन, 279.6 एमयू का जल विद्युत उत्पादन और 16.8 एमयू का सौर उत्पादन शामिल है. 2. 75.7 प्रतिशत के पीएलएफ पर 43370 एमयू के तापीय उत्पादन के साथ अपने इतिहास में दूसरा सबसे अधिक ताप विद्युत उत्पादन हासिल किया.
3. 16.8 एमयू का उच्चतम सौर विद्युत उत्पादन हासिल किया. 4. डीवीसी के विद्युत स्टेशनों ने मासिक पीएलएफ में शीर्ष 10 केंद्रीय क्षेत्र ताप विद्युत स्टेशनों में कई बार स्थान बनाया. चंद्रपुरा टीपीएस ने पांच बार स्थान बनाया.5. पहली बार बोकारो, दुर्गापुर स्टील, कोडरमा और रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशनों से जिप्सम उठाने का काम शुरू हो गया है. कोडरमा टीपीएस से सूखे फ्लाई ऐश की कंडीशनिंग के लिए आरसीआर मोड शुरू किया गया. 6. झारखंड के लातेहार जिले के तुबेद में अपनी कैप्टिव कोयला खदान से चार एमएमटी कोयला उत्पादन हासिल किया.
7. प्राप्त कुल कोयला रैक की संख्या 7853 है, यह अब तक की सबसे अधिक प्राप्ति है. प्राप्त कोयले की कुल मात्रा 28.7 एमएमटी है. 8. 25,320 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया. वार्षिक संग्रह दक्षता 109 प्रतिशत रही है.9. लगभग 392 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज करके जल बिक्री राजस्व में 5.95 प्रतिशत का सुधार किया है. 10. कमीशनिंग कर अपने ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत किया.
11. क्षमता वृद्धि योजनाओं में कोडरमा टीपीएस में दो गुणा 800 मेगावाट और रघुनाथपुर टीपीएस में दो गुणा 660 मेगावाट शामिल है, जहां निर्माण काम चल रहा है.12. डीवीसी ने वित्तीय वर्ष 2024–25 में जीईएम पोर्टल के माध्यम से 1467.36 करोड़ रुपये की समेकित खरीद दर्ज की जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत अधिक है.
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