राकेश वर्मा, बेरमो, नौ जुलाई की देशव्यापी हड़ताल को लेकर इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू के अलावा एक्टू, झाकोमयू व झाकोश्रयू ने ट्रेड पूरी ताकत झोंकी है. जबकि भारतीय मजदूर संघ के अलावा राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (ददई गुट) ने कर्मियों से हड़ताल का बहिष्कार करने की अपील की है. हड़ताल की समर्थक यूनियनों का कहना है कि कोलकर्मी समझ रहे हैं कि आने वाला समय उनके लिए खतरे की घंटी है, इसलिए हड़ताल पूर्णत: सफल रहेगी. हड़ताल को लेकर कोल इंडिया के करीब सवा दो लाख कर्मियों पर भी यूनियन नेताओं की नजर टिकी हुई है. वहीं कोल इंडिया की अनुषांगिक इकाई सीसीएल के लगभग 30 हजार तथा बेरमो के तीनों एरिया के करीब 10 हजार कर्मी हड़ताल को कितना सफल बनायेंगे, यह देखने वाली बात होगी.
कोल इंडिया की कंपनियों का मैन पावर ( 01.04.2025 के आंकड़े के अनुसार)
इसीएल- 46996
एसइसीएल- 37523सीसीएल- 33091,
डब्ल्यूसीएल- 32261बीसीसीएल-32118
एमसीएल- 21060,एनसीएल- 13307
सीएमपीडीआइ- 2705कोल इंडिया मुख्यालय- 644
एनइसी- 537बेरमो के तीनों एरिया का मैन पावर है 10 हजार
बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के तीनों एरिया का मैन पावर 10 हजार के करीब है. इसमें साढ़े चार हजार कथारा एरिया, 22 सौ के करीब बीएंडके एरिया तथा साढ़े तीन हजार ढोरी एरिया का है. अधिकतर कर्मी आरसीएमयू व आरसीएमएस (इंटक), यूसीडब्लूयू (एटक), एनसीओइए (सीटू), जनता मजदूर संघ, राकोमयू व सीएमयू (एचएमएस) के अलावा सीएमडब्लूयू (एक्टू), झाकोमयू (एटक) व झाकोमयू (जेएमएम), झाकोश्रयू (जेएमएस), तथा अखिल झारखंड श्रमिक संघ (आजसू) सहित एचएमकेयू यूनियनों से जुड़े हैं.बारिश से सीसीएल का उत्पादन हुआ है प्रभावित
इधर, 15 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण सीसीएल का कोयला उत्पादन ऐसे ही काफी प्रभावित हो रहा है. रोजाना तीन लाख टन से ज्यादा की जगह फिलहाल रोजाना एक लाख से डेढ़ लाख टन के बीच उत्पादन हो रहा है. कोल इंडिया उत्पादन की गति को बनाये रखना चाहती है. कोल इंडिया के चेयरमैन ने भी हडताल में नहीं जाने का आह्वान कोल कर्मियों से किया है. हड़ताल में जो मजदूर काम पर जाना चाहते हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर कोल इंडिया मुस्तैद है. कार्यस्थल पर सीसीएल के सुरक्षा कर्मियों के अलावा सीआइएसएफ बल तैनात रहेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है