Bokaro News : विद्यार्थियों में भारतीय परंपराओं की भावना को जागृत करने, सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ बनाए रखने, संगीत प्रतिभा व सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान को प्रोत्साहित करने के लिए डीपीएस-चास में सोमवार से तीन दिवसीय अंतर-सदन सांस्कृतिक उत्सव ‘आविर्भाव’ का रंगारंग आगाज हुआ. कार्यक्रम के पहले दिन वाद्य यंत्रों का अद्भुत संगम देखने को मिला. अंतर-हाउस ऑर्केस्ट्रा प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने इंडो-वेस्टर्न फ्यूजन संगीत की धुनों पर पियानो, गिटार, वायलिन, ड्रम, ट्रिपल, नाल, बांसुरी, तबला, हारमोनियम सहित अन्य वाद्य यंत्रों पर अपने कौशल दिखाये. बेहतर प्रदर्शन के आधार पर सतलज सदन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. उन्होंने स्पेनिश थीम पर प्रस्तुति दी. गंगा सदन ने चाइनीज थीम पर प्रस्तुति देकर दूसरा स्थान प्राप्त किया. चेनाब सदन ने जापानीज थीम पर प्रस्तुति देकर तीसरा स्थान प्राप्त किया.
बच्चों ने क्षमता व टीम वर्क का प्रदर्शन किया : डॉ मनीषा तिवारी
मुख्य अतिथि झारखंड सशस्त्र पुलिस-4 बोकारो के समादेष्टा शंभु कुमार सिंह (भापुसे) ने कहा : बच्चों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर प्रदर्शन किया. रचनात्मक प्रस्तुतियों ने गहरी छाप छोड़ी. चमचमाती वेशभूषा में कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति दी. निर्णायक मंडली में डॉ राकेश रंजन (सचिव-भारतीय संगीत कला अकादमी बोकारो), धनंजय चक्रवर्ती (प्रां. बोकारो संगीत कला अकादमी) व जगदीश बावला (पूर्व सांस्कृतिक सचिव, संस्कार भारती ) थे. स्कूल की चीफ मेंटर डॉ हेमलता एस मोहन ने कहा : संगीत दिव्य है और यह नश्वर को शाश्वत से जोड़ता है. विद्यालय की निदेशिका/प्राचार्या डॉ. मनीषा तिवारी ने कहा : नवोदित कलाकारों ने न केवल अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी टीम वर्क का भी प्रदर्शन किया. डीएस मेमोरियल सोसायटी चास के सचिव सुरेश अग्रवाल भी उपस्थित थे.
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