Bokaro News : गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कोल परियोजनाओं में प्रदूषण की अनदेखी का मामला लोकसभा में शून्यकाल में उठाया है. उन्होंने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत जितनी भी कोयला परियोजनाएं चल रही हैं तथा उन्हें सीटीओ देने के लिए जो शर्तें लगायी गयी थीं, उनका अनुपालन नहीं हो रहा है. इसके तहत जल संरक्षण, पौधरोपण और अन्य जो भी कार्य किये जाने थे, वे नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोयला परियोजनाओं को सीटीओ देने के लिए शर्तों का अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा की जाये. साथ ही गिरिडीह नगर के पूर्वी क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से गादी श्रीरामपुर, मोहनपुर, उदनाबाद,फुलची पंचायत के गांवों में प्रदूषण फैलाया जा रहा है. प्रदूषण की स्थिति इतने सालों में अब इतनी भयावह हो गयी की लोग सांस की बीमारी से मर रहे हैं और बच्चे दिव्यांग पैदा ले रहे हैं. कृषि योग्य भूमि बंजर हो गयी है. वन विभाग द्वारा लगाये गये पेड़ भी नष्ट हो चुके हैं. भूजल का स्तर काफी गिर गया और महुआटांड़ गांव तो जलविहीन हो गया है. उसरी नदी के पानी को भी इन फैक्ट्रीज़ द्वारा प्रयोग किया जा रहा है, जिस वजह से उसका अस्तित्व आज खतरे में है. जिला प्रशासन द्वारा हर बार आश्वासन के बावजूद कंपनियों द्वारा प्रदूषण उत्सर्जन रोकने के लिए तय मानकों का इएसपी तक का प्रयोग नहीं कर रही. पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध किया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन फैक्ट्रीज की पर्यावरण मंजूरी और संचालन करने की सहमति कैसे दी जा रही है, इसकी जांच कराएं तथा जब तक सारे पर्यावरण मानकों को पूरा न कर लिया जाए, तब तक इन्हें बंद रखें.
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