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Bokaro News : पारा शिक्षकों को समान कार्य के लिए मिले समान वेतन

Bokaro News : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में पारा शिक्षकों ने साझा की अपनी समस्याएं

Bokaro News : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में पारा शिक्षकों ने साझा की अपनी समस्याएं

Bokaro News : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम बोकारो के सेक्टर-05 स्थित पुस्तकालय मैदान परिसर में जिले के पारा शिक्षकों ( अब सहायक अध्यापक) के बीच रविवार को आयोजित किया गया. कार्यक्रम में दर्जनों पारा शिक्षकों ने अपनी समस्याएं साझा की. कहा कि पारा शिक्षक प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की धूरी हैं. जिले में करीब 27 सौ पारा शिक्षक हैं. राज्य की बात करें तो पारा शिक्षकों की संख्या करीब 62 हजार है. मिडिल से लेकर प्राथमिक विद्यालयों में पारा शिक्षक काम कर रहे हैं. कई नया प्राथमिक विद्यालय तो पारा शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं. स्कूलों में सेवा देते हुए पारा शिक्षकों को लगभग 22 वर्षों हो गये हैं, लेकिन पारा शिक्षकों को सामान्य शिक्षकों की तरह वेतन नहीं मिल रहा है. वेतन के नाम पर सरकार मानदेय देती है.

सेवानिवृत्ति के बाद मिले पेंशन व अन्य सुविधाएं :

कार्यक्रम में पारा शिक्षक नंदलाल महतो, सुमन सिन्हा, चमेली कुमारी, ललिता कुमारी, नीलू सिंह, राजेश कुमार चौबे, राजेंद्र प्रसाद महतो, गोपाल प्रसाद यादव, जगदीश महतो, मो फारूक अंसारी, दिलीप कुमार, राजू कुमार महतो, आशा कुमारी, मनोरंजन महतो आदि ने बताया कि पारा शिक्षकों के लिए सामान्य शिक्षकों की तरह वेतनमान की मांग लगातार की जा रही है. इसके बाद भी पारा शिक्षकों को यह सुविधा नहीं मिल रही है. रिटायरमेंट के बाद की सुविधाएं भी पारा शिक्षकों को नहीं मिल रहा है. पड़ोसी राज्य के पारा शिक्षकों को 45 हजार वेतन दिया जा रहा है. झारखंड में पारा शिक्षकों को अन्य सरकारी सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है. पारा शिक्षकों ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन मांगना हमारा हक है.

वेतनमान देने का वादा कर मुकर गयी सरकार :

पारा शिक्षक बोकारो जिला संघ के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह चौधरी सहित अन्य पारा शिक्षकों ने बताया कि उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो गयी है. हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. पारा शिक्षकों की समस्या समाधान के लिए न तो सरकार और न ही जनप्रतिनिधि रुचि दिखा रहे हैं. हर दरवाजे से हमें निराशा ही हाथ लग रही है. वेतनमान की बात हो या मानदेय बढ़ोतरी की बात करें, किसी भी मांग पर सरकार का ध्यान नहीं है. वेतनमान देने का वादा कर सरकार मुकर गयी. सरकार ने पारा शिक्षकों की भावना से खिलवाड़ किया.

लगातार सेवा देने का बाद भी हमारा भविष्य नहीं है सुरक्षित

पारा शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. पारा शिक्षकों को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले. सेवानिवृत्त सभी पारा शिक्षकों को भी पेंशन का लाभ मिले.

– शत्रुघ्न सिंह चौधरीपारा शिक्षकों को बिहार की तर्ज पर योग्यता के अनुसार मानदेय दिया जाये. 20 वर्ष से कार्य अनुभव के अनुसार समान कार्य के बदले समान वेतनमान भी मिले.

– सैमुन निशापारा शिक्षकों को किसी भी तरह की कोई सरकारी सुविधाएं नहीं मिलती है. लेकिन, हमारे काम के हिसाब से हमें किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं दिया जाता है.

– नीलू सिंहसमान कार्य के लिए समान वेतन मांगना हमारा हक है. सरकार ने अभी तक एक हजार वेतनमान बढ़ोतरी को भी लागू नहीं किया है. जबकि, अन्य राज्यों में इसका लाभ मिल रहा है.

– चंदन सिंहचुनाव के समय पारा शिक्षक भी चुनावी कार्य करते हैं. जिस तरह सरकार की ओर से सभी सरकारी शिक्षकों को लाभ मिलता है, ठीक उसी तरह हम पारा शिक्षकों को भी लाभ दिया जाये.

– उमेश कुमार दांगी

शिक्षक कहीं भी आते-जाते हैं, कई बार आकस्मिक निधन जैसी घटना घट जाती है, तो इसके लिए किसी भी तरह की मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं है.

– सुरेश शर्मा

सरकार की ओर से समझौते हुए मानदेय में एक हजार की बढ़ोतरी राशि को भी लागू किया जाए, जो अब तक हमें नहीं दिया गया है. ऐसे में सभी शिक्षकों को परेशानी हो रही है.

– मो फारुक अंसारीलगातार सेवा देने के बावजूद भी पारा शिक्षकों का भविष्य आज सुरक्षित नहीं हैं. रिटायर होने पर हमें कुछ भी लाभ नहीं दिया जाता है. किसी प्रकार का मेडिकल सुविधा की व्यवस्था नहीं है.

– राजेंद्र प्रसाद महतोपारा शिक्षकों की नियमावली में संशोधन किया जाना चाहिए. लंबे समय से काम कर रहे सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले. हमें भी सभी प्रकार की सरकारी सुविधाएं मिलनी चाहिए.

-आशा कुमारी23 साल से झारखंड में कार्यरत सहायक शिक्षकों को बिहार राज्य की तर्ज पर जेटेट और सीटेट में आकलन पास के आधार पर सभी सहायक अध्यापकों को वेतनमान दिया जाये.

– ललिता कुमारी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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