Bokaro News : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट वाले ए पावर प्लांट में इएसपी के ओवरवायलिंग कार्य में कार्यरत जरवा बस्ती निवासी ठेका मजदूर अशोक भुइयां(43 वर्ष) की मौत गुरुवार की सुबह लगभग साढ़े आठ बजे ड्यूटी पर आने के बाद हो गयी. मृतक मजदूर मेसर्स केआर कंस्ट्रक्शन कंपनी में बतौर हेल्पर कार्यरत था और उसका गेट पास आठ अप्रैल को ही बनाया गया था. वह नौ अप्रैल से ड्यूटी पर आ रहा था. गुरुवार को सुबह ड्यूटी पर आने के बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी थी जिससे वह कार्यस्थल पर ही लेट गया था. बाद में उसे अन्य मजदूर डीवीसी हॉस्पिटल ले जाने लगे तो इसी दौरान उसकी मौत हो गयी. हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में पावर प्लांट में ओवरवायलिंग के कार्य में कार्यरत सभी कंपनी के मजदूरों ने काम बंद कर दिया. परिजनों सहित मजदूरों एवं जरवा बस्ती के ग्रामीणों ने मृतक मजदूर का शव पावर प्लांट के मेन गेट पर लाकर रख दिया है और गेट जाम कर रखा है. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक अशोक भुइंया को तीन पुत्री हैं.
घटना की सूचना पर पहुंचे नेताओं ने की वार्ता की पहल :
घटना की सूचना मिलने पर भाजपा नेता भरत यादव, श्रवण सिंह, विश्वनाथ यादव, आजसू नेता जितेंद्र यादव, पूर्व आजसू नेता सह जिप प्रतिनिधि मंजूर आलम, गोविंदपुर बी एवं सी पंचायत के मुखिया चंद्रदेव घांसी, विकास सिंह, सीमा देवी, एएमसी-एआरसी यूनियन नेता रंजीत राम, डीवीसी यूसीडब्ल्यू नेता ब्रज किशोर सिंह, गणेश राम आदि ने पावर प्लांट गेट पहुंच कर मामले की जानकारी ली. गेट जाम की सूचना पाकर स्थानीय थाना के इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह, अनि धनंजय कुमार सिंह भी दल-बल के साथ पहुंचे तथा गेट जाम हटाने को लेकर परिजनों एवं ग्रामीणों से बात करने की पहल की, परंतु बात नहीं बनी.डीवीसी प्रबंधन की मौजूदगी में मृतक के परिजनों, कंपनी और जेएलकेएम प्रतिनिधियों के साथ आयोजित वार्ता विफल हो जाने के बाद प्लांट गेट पर रखा हुआ है. शव के साथ आंदोलनकारी भी डटे हुए हैं. इसके पूर्व डीवीसी प्रबंधन की ओर से वार्ता में डीजीएम बीजी होलकर, प्रबंधक एचआर सुनील कुमार, थाना के इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह, कंपनी की ओर से अमित, राजा, लाल मोहम्मद, जेएलकेएम जिला सचिव खगेंद्र महतो, रीता देवी, गीता देवी, सांसद प्रतिनिधि जितेंद्र यादव सहित कई लोग शामिल थे. वार्ता में मृतक के आश्रित को 25 लाख रुपए मुआवजा और नियोजन की मांग रखी गयी थी. कंपनी प्रबंधन प्रतिनिधियों ने दो लाख रुपए सहित बीमा का चौदह लाख रुपए कुल सोलह लाख रुपए देने की बात की, परंतु मृतक मजदूर के आश्रित एवं प्रतिनिधियों ने सोलह लाख रुपए कंपनी को ही भुगतान करने की बात कहते हुए बीमा की रकम ले लेने को कहा, जिस पर कंपनी के लोग तैयार नहीं हुए और वार्ता विफल हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है