राकेश वर्मा, बेरमो.
पेटरवार प्रखंड के खेतको और बेरमो प्रखंड के जारंगडीह को जोड़ने वाले दामोदर नद पर खेतको गांव के पास निर्मित पुल का अस्तित्व खतरे में है. बालू माफिया ने पिलर की नींव से इतना बालू निकाल लिया है कि पुल की संरचना को खतरा पैदा हो गया है. नींव में दरारें आ गयी हैं. महज 14 साल में ही पुल की स्थिति खराब हो गयी है. इससे पहले पुल का ऊपरी सतह टूट गया था, जिसकी मरम्मत संवेदक ने करायी थी. पुल की दोनों ओर बने फुटपाथ की भी स्थिति सही नहीं है. यह जगह-जगह टूट गया है. बताते चलें कि इस पुल की आधारशिला गिरिडीह के तत्कालीन सांसद टेकलाल महतो (अब स्व.) ने वर्ष 2006 में रखी थी. वर्ष 2009 में निर्माण कार्य शुरू हुआ और वर्ष 2011 में बनकर तैयार हो गया. वर्ष 2012 में ऑनलाइन उद्घाटन के बाद इस पुल पर आवागमन शुरू हुआ. ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने पुल का निर्माण किया था. 456.52 मीटर लंबे पुल की शुरुआती लागत लगभग छह करोड़ रुपये थी. यह पुल खेतको और आसपास के कई गांवों के लिए वरदान साबित हुआ. पुल आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन और कथारा क्षेत्र की कोलियरियों से जोड़ता है.बोले एसडीएम :
बेरमो के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछवा ने कहा कि दामोदर नद पर बने पुल के जर्जर होने की सूचना मिली है. कोई दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए पुल का निरीक्षण कर वरीय पदाधिकारी को अवगत कराते हुए इसे दुरुस्त कराया जायेगा.मुख्य बातें
-वर्ष 2006 में रखी गयी थी नये पुल की आधारशिला-वर्ष 2009 में शुरू होकर 2011 में पूरा हुआ कार्य-456.52 मीटर लंबे पुल पर खर्च हुए थे करीब छह करोड़ रुपये-वर्ष 2012 में ऑनलाइन किया गया था उद्घाटन
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