नागेश्वर, ललपनिया, बुधवार को मुठभेड़ में माराा गया नक्सली कुंवर मांझी गोमिया प्रखंड अंतर्गत सियारी पंचायत के बिरहोरडेरा का रहने वाला था. वह बचपन से ही तुनक मिजाज का था. इसके कारण गांव के लोग उससे दूरी बना कर रहते थे. उसके पिता की मौत 10 साल पहले हो गया था. इसके बाद विचलित रहने लगा. शादी होने के बाद एक बच्चा हुआ, लेकिन बच्चे की मौत हो गयी.
परिवार में है सिर्फ मां और पत्नी
परिवार में मां और पत्नी के अलावा और कोई नहीं है. घर भी खपड़ैल का है. कुंवर मांझी पूर्व नक्सली कमांडर मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो के अलावा अजय महतो से संपर्क में आया. इसमें बाद अपने क्षेत्र में वीरसेन मांझी के साथ मिलकर संगठन विस्तार के लिए काम करने लगा. पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी. झुमरापहाड़, लुगू पहाड़ आदि क्षेत्रों में पुलिस की बढ़ते दबिश के कारण उसने अपना सेंटर काशीटांड़, जिनगा पहाड़ क्षेत्र में बना लिया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है