Bokaro News : संतोष कुमार, चास.
एक महीने के अंदर मॉनसून दस्तक देने वाला है. चास नगर निगम क्षेत्र में लगातार बारिश होने पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. पिछले कई सालों से लोगों को बारिश के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. नाली जाम रहने से लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस जाता है. इस वर्ष मॉनसून से निबटने के लिए निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में छोटी-बड़ी नालियों की साफ-सफाई शुरू हुई है, लेकिन एक महीने के अंदर पूरे निगम क्षेत्र की सभी नालियों की सफाई निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. साथ ही सिर्फ नालियों की सफाई से मॉनसून से निबटना भी संभव नहीं है. अगर निगम प्रशासन को चास क्षेत्र को जलजमाव से निजात दिलाना है तो सिंगारी जोरिया की सफाई करानी होगी. गंदगी और अतिक्रमण से निगम क्षेत्र में बहने वाली एकमात्र सिंगारी जोरिया नाला में तब्दील हो गयी है. हर बारिश के मौसम में सिंगारी जोरिया उफान मारने लगती है. खासकर चास के तारानगर, बाबा नगर, वार्ड 16 स्थित पुराना चास बाउरी मुहल्ला और चीराचास के कुंज विहार, बसेरा, आशियाना सहित कई कॉलोनियों में बारिश के बाद जोरिया का पानी घुस जाता है. दो वर्ष पूर्व बारिश के मौसम के दौरान चीराचास के कई अपार्टमेंट में इतना ज्यादा पानी भर गया था कि लोगों के चारपहिया वाहन पानी में तैरने लगे थे. आवागमन बाधित हो गया था. इस समस्या के समाधान के लिए जोरिया की साफ-सफाई के साथ अतिक्रमण मुक्त कराना बहुत जरूरी है, अन्यथा बरसात में फिर से जोरिया से सटे चास और चीराचास क्षेत्र डूब जायेगा.तीन-चार साल पहले जोरिया की सफाई के नाम पर हुई खानापूर्ति :
वर्षों बाद शायद पहली बार सिंगारी जोरिया का सफाई कार्य तीन-चार वर्ष पहले शुरू हुआ था, लेकिन पूर्ण नहीं हुआ. जोरिया की सफाई के नाम सिर्फ खानापूर्ति की गयी. सही तरीके से काम नहीं होने के जोरिया की हालत जस की तस बनी हुई है. लोगों का कहना है कि सिर्फ सरकारी राशि का बंदरबाट हुआ है. पूरी जोरिया में कचरा भरा हुआ है. अगर कहीं थोड़ा पानी है भी तो उसमें जलकुंभी और गंदगी भरी हुई हैजोरिया को अतिक्रमण मुक्त करने में नहीं मिली सफलता :
सिंगारी जोरिया चास के विभिन्न क्षेत्र से गुजरती हुई चीराचास के बाद गरगा नदी में मिलती है. चास की लाइफलाइन मानी जाने वाली सिंगारी जोरिया का अस्तित्व आज खतरे में है. चास व चीराचास क्षेत्र में कई लोगों और भू-माफियाओं ने जोरिया का अतिक्रमण कर बड़े बड़े घर और अपार्टमेंट बना लिया है. कई जगह में जोरिया का स्वरूप नाला में तब्दील हो गया है. निगम प्रशासन अभी तक जोरिया को गंदगी और अतिक्रमण मुक्त कराने में विफल रही है. जिले के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के चुप रहने के कारण जोरिया का यह हाल है. कुछ वर्ष पहले जिला प्रशासन द्वारा जोरिया को अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास किया गया. कई जगह अतिक्रमणकारियों को नोटिस कर मापी भी की गयी, लेकिन आज तक जिला प्रशासन को जोरिया को अतिक्रमण मुक्त कराने में कामयाबी नहीं मिली.कभी कल-कल बहता था पानी, अब दुर्गंध से परेशानी :
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक समय था, जब सिंगारी जोरिया का पानी कल कल बहता था. लोग इसके पानी से नहाते थे, लेकिन वर्तमान समय में जोरिया का पानी पूरी तरह दूषित हो गयी है. जोरिया से उठ रही दुर्गंध व मच्छरों के प्रकोप से किनारे बसी कॉलोनियों में रहने वाले लोग परेशान हैं. कॉलोनियों से निकलने वाली नालियों का पानी जोरिया में गिराया जा रहा है. लोग व दुकानदार अपना सारा कचरा जोरिया में फेंकते हैं. वहीं सिंगारी जोरिया में पानी कम होने से चास का जलस्तर घटता जा रहा है. कई जगहों पर एक हजार से ज्यादा फीट बोरिंग होने के बाद भी पानी नसीब नहीं हो रहा है.सिंगारी जोरिया की होगी सफाई :
नगर निगम चास के अपर नगर आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि मॉनसून के पूर्व पूरी सिंगारी जोरिया की सफाई करना संभव नहीं है, लेकिन जिन क्षेत्र में जोरिया का पानी घुसता है, उन जगहों काे चिह्नित कर जोरिया की सफाई करायी जायेगी, ताकि लोगों को बारिश के दौरान जल-जमाव से परेशानी ना हो. नाली की सफाई कार्य शुरू हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है