गांव के दिलेश्वर मुर्मू, रबिश्वर सोरेन, बिरसा सोरेन, बिरेंद्र सोरेन, सोहरी देवी, बेलामचनी देवी, सविता देवी आदि ने बताया कि बीते दिनों आंधी-पानी के चलते गांव के चार-पांच पोल टूट गये हैं. इसकी सूचना बिजली विभाग को भी दी है, लेकिन अभी तक विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची. वहीं बिजली आपूर्ति ठप रहने से गांवों में जलसंकट भी खड़ा हो गया है. गांवों में काफी कम सार्वजनिक चापाकल चालू हालत में हैं. इस वजह से लोग प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकने पर मजबूर हैं.
गर्मी में अंधेरे के कारण जहरीले जीवों का भी खतरा
इधर, उमस भरी गर्मी की वजह से जहरीले सर्प व जीव-जंतु अपने बिल से बाहर निकलते हैं. गांव में अंधेरा होने से लोगों में इनका डर हैं. शाम होते ही बच्चे व बुजुर्ग अपने घरों में घुस जाते हैं. मोमबत्ती के सहारे ग्रामीणों की रात कट रही है. जिन लोगों के पास मोबाइल हैं, वह भी चार्ज नहीं कर पा रहे हैं. आलम यह है कि यदि आपातकालीन स्वास्थ्य या फायर सेवाओं की जरूरत पड़ जाये, तो मदद मांगना भी मुश्किल है. गांव के लोगों ने बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह से नये तार व पोल लगवाने की मांग की है.
लाहेजारा गांव के लोग भी परेशान
इधर, भस्की पंचायत के लाहेजारा गांव के लोग भी पांच दिनों से अंधेरे मे हैं. लोगों ने बताया कि पंचायत के लिपू गांव मे तार टूट जाने के करण बिजली नहीं आ रही है. कई बार पंचायत के मुखिया मंटू राम मरांडी से कहा गया लेकिन कोई पहल नहीं की गयी.
गितिलटांड़ व लाहेजारा में बिजली संकट की जानाकरी नहीं : सहायक विद्युत अभियंता
इधर जैनामोड़ विद्युत सब स्टेशन के सहायक विद्युत अभियंता अमित खेस ने बताया कि उक्त दोनों जगहों मे बिजली नहीं होने की जानकारी नहीं थी. जल्द ही दोनों गांवों में बिजली कर्मी को भेज कर तार व पोल लगाकर बिजली सप्लाई शुरू कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है