दुगदा, पुनर्वास की मांग को लेकर नार्थ दामोदा के ग्रामीणों ने बीसीसीएल की दामोदा उत्खनन परियोजना का चक्का जाम कर दिया. कोलियरी कार्यालय के मुख्य द्वार पर टायर जला कर घंटों जाम रखा. प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
वार्ता में नहीं बनी बात
सूचना पर बेरमो एसडीओ मुकेश मछुवा पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. दामोदा उत्खनन परियोजना में कामकाज बंद कराया और ग्रामीणों व कोलियरी प्रबंधन की वार्ता करायी. पूर्व मुखिया देवंती देवी ने कहा कि नार्थ दामोदा में निजी खान मालिकों ने हमारे पूर्वजों को काम करने के लिए लाया और हमलोग सैकड़ों वर्षों से नार्थ दामोदा में रह रहे हैं. प्रबंधन ने नार्थ दामोदा में उत्खनन परियोजना शुरू किया है. घर से मात्र दो से मीटर की दूरी पर खनन हो रहा है. जब तक हमलोगों को दूसरे स्थान पर बसाया नहीं जायेगा, उत्खनन का काम ठप रहेगा. दामोदा कोलियरी के पीओ पीएस के सिन्हा ने कहा कि प्रबंधन आर आर पॉलिसी के तहत नार्थ दामोदा के चिह्नित 39 परिवारों को परिवहन भत्ता बीस हजार रुपये देने के लिए उच्च प्रबंधन से स्वीकृति ले ली है. चिह्नित परिवारों को घुटवे में बसाया जायेगा. लेकिन ग्रामीण वहां बसने को तैयार नहीं हैं. एसडीओ ने कहा कि जब तक ग्रामीणों और प्रबंधन की सकारात्मक वार्ता नहीं होगी, परियोजना का कामकाज बंद रहेगा.
वार्ता में बरोरा प्रक्षेत्र के अपर महाप्रबंधक जीके मेहता, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी यशवंत सिंह राजपूत, दामोदा कोलियरी के मैनेजर एके सिंह, सुरक्षा पदाधिकारी कुणाल सिंह और ग्रामीणों की ओर से कांग्रेस के चंद्रपुरा प्रखंड अध्यक्ष प्रभु दयाल सिंह, कांग्रेस नेता संतन सिंह, रजनीश दास, लखेंद्र नाग, अचिन कुमार, लगन देव यादव, राजेंद्र साहू, भोला चौहान, दयाल महतो, अमृत भूईया, मनोज भूईया आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है