Bokaro News : श्रम विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी तेनुघाट थर्मल के उन 10 मजदूरों को काम में वापस रखवाने में विफल दिखलाई पड़ रहे हैं, जिन्हें लैस पेमेंट की शिकायत करने पर काम से हटा दिया गया है. यह आरोप लगाते हुए ठीकेदार मजदूर यूनियन (एटक) के महासचिव इफ्तेखार महमूद ने ललपनिया में रविवार को कहा कि तेनुघाट थर्मल के प्रशासनिक भवन में 29 मई को सहायक श्रमायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में चांदमुनि देवी, विहंगमुनी देवी, बिरालाल मांझी, सुगन सोरेन समेत 10 मजदूरों ने मात्र 250 रुपया मजदूरी पर काम कराये जाने की शिकायत की. बैठक में भाग ले रहे उप महाप्रबंधक (एचआर) ने संबंधित ठेकेदार के साइट इंचार्ज मो कौसर को बैठक में बुलाया और पूछने पर उसने भी 250 रुपया हाजिरी देने की बात स्वीकार की. किंतु न्यूनतम मजदूरी लागू करने की बजाय बैठक संपन्न होने के बाद उपर्युक्त सभी कामगारों को काम से हटा दिया गया. श्री महमूद ने बताया कि प्लांट में 200 से भी अधिक ऐसे मजदूर हैं, जिन्हें 250 रुपये हाजिरी पर काम दिया जाता है और शिकायत करने पर काम से हटा दिया जाता है. कहा कि जब से सिविल और एचआर हेड बनाये गये हैं, तब से श्रम कानूनों के उल्लंघन में काफी वृद्धि हो गई है. अब तो हद यह हो गया है कि शिकायत करने भर से मजदूरों को काम से हटा दिया जाता है.
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