चाईबासा.कोल्हान विश्वविद्यालय के पीजी ए और बी ब्लॉक में पिछले दो माह से पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है. सबमर्सिबल पंप के जल जाने के बाद न तो उसे बदला गया और न ही मरम्मत कराई गई. इस कारण दोनों ब्लॉक में संचालित 15 विभागों के लगभग 1,000 विद्यार्थी और 25 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं पानी की किल्लत झेल रहे हैं. शौचालयों की सफाई न होने से गंदगी बढ़ गयी है और पीने के लिए शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं है.
परेशान विद्यार्थियों ने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. खासकर दूर-दराज के गांवों से आने वाले विद्यार्थी अधिक परेशान हैं, जिन्हें पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. शौचालयों में पानी न होने के कारण सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक रुकना मुश्किल हो गया है. विभागीय कर्मी किसी तरह आसपास के भवनों से पानी लाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं.ठंडा पानी की मशीन भी खराब
2019 में रुंगटा माइन्स द्वारा विश्वविद्यालय को ठंडा और फ़िल्टर्ड पानी की सुविधा के लिए मशीन दी गयी थी, लेकिन उचित देखभाल के अभाव में यह एक साल के भीतर ही खराब हो गयी. तब से यह अनुपयोगी पड़ी है. विद्यार्थी अब घर से पानी लाने या बाहर से खरीदकर पीने को विवश हैं.छात्रों की शिकायत को अनदेखा किया जाना बर्दाश्त नहीं : पिंगुवा
केयू छात्र संघ अध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने कहा कि कई वर्षों के संघर्ष के बाद 2009 में कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी ताकि क्षेत्र के गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा मिल सके. लेकिन पानी और शौचालय की समस्या को लेकर प्रशासन पूरी तरह असंवेदनशील बना हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि पांच दिनों के भीतर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो छात्र संगठन विश्वविद्यालय परिसर में आंदोलन करेगा.छात्रों की प्रतिक्रियाएं
पीने के पानी की समस्या आज से नहीं, बल्कि पिछले दो सालों से बनी हुई है. कई बार आवेदन देकर प्रशासन को सूचित किया, लेकिन वे एसी कमरों में बैठकर सिर्फ आश्वासन देते हैं. अब तक कोई समाधान नहीं निकला. श्रुति रानी गोप, छात्रा, पीजी विभागहम सभी विद्यार्थी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बाथरूम में भी पानी नहीं आता, जिससे बड़ी परेशानी होती है.
-प्रीति गोप, छात्रा, पीजी विभागकोल्हान विश्वविद्यालय को स्थापित हुए 15 साल हो गए, लेकिन अब भी मूलभूत सुविधाएं बहाल नहीं हैं. बाथरूम की साफ-सफाई न होने से दुर्गंध आती है, जिससे हमें बाहर जाने को विवश होना पड़ता है. पीने के पानी की समस्या गंभीर है, नलों में पानी नहीं आता है. विद्यार्थियों को बोतल में पानी लाना पड़ता है या फिर खरीदकर पीना पड़ता है. यह विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए शर्मनाक स्थिति है.-बीरसिंह बालमुचू, छात्र, पीजी विभाग
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