चाईबासा. चाईबासा के हरिगुटू स्थित हो समाज महासभा के कला एवं सांस्कृतिक भवन में आदिवासी हो समाज महासभा केंद्रीय समिति की कार्यकारिणी बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष मुकेश बिरुवा ने की. इस दौरान हो समाज के सरना और देशाउली के संरक्षण तथा प्रमुख त्योहारों में पूजन सामग्री के क्रय के लिए कुल 972 गांवों के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पारित किया गया.
हो समाज महासभा के आजीवन सदस्यों का सम्मेलन जून में
आगामी जून माह में हो समाज महासभा के आजीवन सदस्यों का सम्मेलन चाईबासा में करने पर सहमति बनी. इसमें महासभा समाज की भाषा व साहित्य के विकास के लिए पूर्व में गठित समिति में समाज के बुद्धिजीवी शिक्षक व साहित्यकारों को शामिल किया जायेगा. सरकार व टाटा स्टील की ओर से हो भाषा से संबंधित उपन्यास, कविता व कहानी आदि पुस्तक को प्रचलन में लाने से पूर्व आदिवासी हो समाज महासभा केंद्रीय समिति के बुद्धिजीवी व साहित्यकारों द्वारा समीक्षा की जाएगी. राज्य सरकार व टाटा स्टील को पत्राचार के माध्यम से आपत्तियां दर्ज की जायेगी. समीक्षा के बाद किताब को समाज के बीच में लाया जायेगा.आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा पर विशेष ध्यान नहीं दे रही सरकार
पश्चिमी सिंहभूम में गिरती शिक्षा व्यवस्था पर गहन चिंतन मंथन किया गया. बताया गया कि राज्य सरकार कोल्हान के आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान नहीं दे रही है. छात्र व शिक्षकों का अनुपात सही नही है. विद्यालयों में कक्षा वार शिक्षकों हैं, जो अन्य कार्यों में ज्यादा व्यस्त रहते हैं. विद्यालयों में बच्चों को सही से अक्षर ज्ञान तक नहीं मिल पा रहा है. इस पर हो समाज महासभा काफी चिंतित है.
शिक्षा मंत्री से मिलेगा समाजबैठक में बताया गया कि शीघ्र एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में शिक्षा मंत्री से मिलकर शिक्षक से संबंधित समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए समाधान के लिए पहल करने का मांग पत्र सौंपेगा. जिला में हाल की घटनाओं के मद्देनजर भ्रष्ट व अयोग्य शिक्षकों को यथाशीघ्र हटाने का मांग होगी. बैठक में बामिया बारी, सोमा कोड़ा, हरिशचंद्र समाड, बिपिन चंद्र तामसोय एवं छोटेलाल तामसोय सहित महिला महासभा के पदाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है