जैंतगढ़. चंपुआ (ओडिशा) जंगल के आसपास के क्षेत्र में हाथियों का उत्पात आम बात हो गयी है. चंपुआ जंगल के कालिक प्रसाद आरक्षित वन में 26 हाथियों कां झुंड डेरा जमाये हुआ है. इन हाथियों का उत्पात दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. हाथी हर दिन किसी न किसी गांव में घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं, अनाज चट कर जा रहे हैं. रविवार की रात रजिया पंचायत अंतर्गत पटला गांव में हाथियों ने सात घरों को तोड़ दिया. वहीं, सोमवार की रात रजिया, गम्हरिया बरबलिया साही और सन्नई धुधा साही में हाथियों ने 10 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचाया. घरों में रखे अनाज खा गये. सामानों को बर्बाद कर दिया. रजिया गांव के नवीन बेंटकर, हृषिकेश बेहरा, दुष्मंता बेहरा, चिंतानंद बेहरा, उमेश कालंदी के घर ध्वस्त हो गये. वहीं, बरबलिया साही के पाडिया तिरिया, बुधुनी मुंडा, मीना मुंडा, बीजू मुंडा, शंभू मुंडा, अर्जुन मुंडा, मनोज महानता, लक्ष्मण महानता, खुलना सेठी, धनु मुंडा के घर ध्वस्त हो गये और चावल खा गये. लोगों का आरोप है कि वन विभाग उदासीनता बरत रहा है, जबकि हाथी लगातार मानव बस्तियों में घुसकर उन्हें परेशान कर रहे हैं. हाथियों को सुरक्षित क्षेत्र में खदेड़ने के लिए वन विभाग सक्रिय नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है