चाईबासा.
सदर प्रखंड की तमाड़बांध पंचायत के गौशाला में महिलाओं ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए अभियान चलाया. इस दौरान महिलाओं ने दो घरों में शराब और एक घर में गांजा बेचने वालों को बैठक में बुलाया. बैठक में संबंधित लोगों ने नशीली वस्तुओं की बिक्री स्वीकार करते हुए इसे तुरंत बंद करने की घोषणा की. सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब पंचायत क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नशीली चीजों की बिक्री करेगा या नशा कर उत्पात मचायेगा, तो उसे सख्त जुर्माना देना होगा. बिक्री करने वालों पर 10,000 का जुर्माना और पुलिस कार्रवाई की चेतावनी दी गयी. वहीं, नशा कर लड़ाई-झगड़ा या गाली-गलौज करने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा.पंचायत की उपमुखिया सोनाली देवगम ने कहा कि नशे के कारण घर-घर में कलह और बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है. बच्चे स्कूल-कॉलेज छोड़कर ग्रुप बनाकर नशा कर रहे हैं और समझाने पर उल्टा जवाब देते हैं. इसके बाद महिलाओं ने गौशाला स्थित गुटु स्थान का घेराव किया, जहां कुछ युवा समूह बनाकर नशीली वस्तुओं का सेवन करते हुए पकड़े गये. कुछ युवक भागने में सफल रहे, जबकि पकड़े गये युवाओं ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और नशा छोड़ने का संकल्प लिया. मौके पर नामा सागेन महिला समिति की सदस्य सुशीला बोदरा, संगठन के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष सहित 50 से अधिक महिला-पुरुषों की सक्रिय भागीदारी रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है