चाईबासा.
प्रस्तावित एनएच-75 (ई) चाईबासा बाइपास सड़क निर्माण कार्य के विरोध में सोमवार को रैयतों ने सदर अंचल कार्यालय का घेराव किया. इसका नेतृत्व झारखंड पुनरुत्थान अभियान के सदर प्रखंड अध्यक्ष सुरा पुरती ने किया. इसके पूर्व खूंटकट्टी मैदान में सैकड़ों रैयत एकत्रित हुए. वहां से हाथों में तख्ती लेकर उपायुक्त कार्यालय, कोल्हान विवि, जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज होते हुए पैदल अंचल कार्यालय पहुंचे. अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सन्नी सिंकु ने कहा कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 के तहत सभी भूमि कृषि के लिए है. इसका हस्तांतरण बिना उपायुक्त की सहमति के नहीं हो सकता है. केंद्रीय महासचिव अमृत माझी ने कहा कि आदिवासी – मूलवासियों से जल, जंगल, जमीन को जबरन लूटने का षड्यंत्र हो रहे हैं. मानकी-मुंडा संघ के महासचिव चंदन होनहागा ने कहा कि मानकी-मुंडा संघ विकास में बाधक नहीं है. पंचशील सिद्धांत के अनुसार, क्षेत्र में विकास कार्यक्रम तैयार हो. इससे आदिवासी की परंपरा और संस्कृति भी सुरक्षित रहे. धरना-प्रदर्शन को खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के अध्यक्ष बलभद्र सवैंया, सचिव केदारनाथ कालुंडिया, मुंडा सिदिउ पुरती, मुंडा गोविंद पुरती, नानु बानरा, सुरेंद्र बानरा, मुंडा मैथ्यू देवगम, दीपू सावैयां, मधु पुरती, रॉबिन पाड़ेया, झारखंड पुनरुत्थान अभियान के जिला अध्यक्ष नारायण सिंह पुरती, झींकपानी प्रखंड अध्यक्ष संतोष सवैंया, रैयत संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष सुमंत ज्योति सिंकु एवं सुरेश सावैयां ने संबोधित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है