जैंतगढ़. बरसात शुरू होते ही सब्जियों की कीमत आसमान पर है. इस बार आषाढ़ शुरू होते ही कीमतों में आग लग गयी है. विगत एक माह से लगातार हो बारिश से सब्जियों के उत्पादन प्रभावित हुआ है.
बाजार में बंगाल व ओडिशा से सब्जियां पहुंच रही हैं. ऐसे में कीमत तीन से चार गुना बढ़ गयी है. गरीबों का आहार आलू 30 रुपये किलो बिक रहा है. बैंगन के तेवर तल्ख है. बुधवार को जैंतगढ़ में बैंगन 150 रुपये किलो बिका. टमाटर शतक के करीब है. 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. लोकल परवल 120, तो चलानी परवल 100 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं, सहजन 200, हरी मिर्च 200, धनिया पत्ती 300 रुपये किलो बिक रहा है. इसी तरह लौकी 40, कच्चू 60, ओल 50, शिमला मिर्च 180, बंद गोभी 80, फूल गोभी 120 रुपये किलो बिक रहा है. इसके अलावा बीम्स 120, झींगी 80, परवल 80, बिट 160, बोदी 60, मूली 60, खीरा 60 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं, प्याज 35 से 40, लहसुन 160 से 200 रुपये व अदरक 140 से 200 रुपये किलो बिक रहा है. साग 20 रुपये मुठा, भिंडी 120, कुंदरू 80, कोहड़ा 40 व शलजम 60 रुपये किलो बिक रहा है.घरों का बजट बिगड़ा:
सब्जियों की कीमत ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है. गरीब तो दूर, मध्यम वर्ग की थाली से सब्जियां गायब होने लगी हैं. बारिश के कारण खेतों में सब्जियां नष्ट हो गयी हैं. नयी सब्जियों के अवाक होने तक ऐसी स्थिति रहेगी. गरीबों व मध्यम वर्ग के समक्ष परिवार चलाना कठिन हो रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है