प्रतिनिधि, जैंतगढ़/चाईबासा
झारखंड में आज (10 जून) से एनजीटी ने नदियों से बालू उत्खनन पर रोक लगा दी है. इसके बाद खनन विभाग सतर्क है. जिला खनन पदाधिकारी मेघलाल टुडू ने बताया कि जिले में अवैध खनन पर अंकुश व कार्रवाई के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित है. बालू घाटों की नीलामी की गयी है. जिले में बालू के नौ स्टॉक यार्ड संचालित हैं. चाईबासा में बालू की बिक्री प्रति ट्रैक्टर 4000 से 4500 रुपये तक है. टुंगरी और आसपास में प्रति ट्रैक्टर बालू 4000 व शहर में 4500 रुपये की दर से गिराया जा रहा है. बालू के कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अगले चार- पांच दिन बाद प्रति ट्रेक्टर बालू की बिक्री दोगुने दर यानी 8000- 9000 रुपए प्रति ट्रैक्टर खरीदना पड़ेगा.
ज्ञात हो कि जैंतगढ़ के देवगांव व आस-पास में वैतरणी के कुछ घाट से 12 महीने बालू का अवैध उत्खनन होता है. खास कर बनाई केला, देव गांव, ब्रह्मपुर आदि क्षेत्र के आधा दर्जन बालू घाटों से बालू उत्खनन कर नोवामुंडी, जामदा, कोटगढ़ और डांगुवापोसी आदि क्षेत्र में खपाया जाता है. यह खनन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. बालू माफिया हमेशा जगह बदल- बदल कर उत्खनन करते हैं. इसके बाद बालू का उठाव ट्रैक्टर से होता है.
तांतनगर में घाटों से सालभर होता है अवैध उठाव
तांतनगर प्रखंड के नदी घाटों से सालभर बालू की अवैध ढुलाई व उत्खनन होता है. सूत्र बताते हैं कि तांतनगर के इलीगढा, डोबरोबासा के सासे, हरिबेड़ा, सेरेंगबिल, संगम, रामबेड़ा, सिदमा व रोलाडीह घाट से बिना रजिस्ट्रेश नंबर वाले ट्रैक्टरों से बालू का अवैध उत्खनन व उठाव कर जमकर ढुलाई की जा रही.
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