चाईबासा.सदर अस्पताल के जिला वीबीडी कार्यालय में शनिवार को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भारती मिंज की अध्यक्षता में एक दिवसीय जिला स्तरीय वेक्टर बोर्न डिजीजेज से संबंधित मासिक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. इसमें संबंधित सीएचसी के वीबीडी इंचार्ज से ग्रामवार, स्वास्थ्य उपकेंद्र वार तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रवार मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, कीटनाशी छिड़काव, फीवर सर्वे तथा आइएचआइपी पोर्टल एंट्री तथा संबंधित कार्यक्रम के संचालन के लिए माइक्रो प्लान से संबंधित समीक्षा की गयी.
डॉ भारती मिंज ने बताया कि 15 से 25 अप्रैल तक सभी मलेरिया प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर बुखार पीड़ित लोगों का पारा चेक के जरिये जांच की जायेगी. इसमें मलेरिया की पुष्टि होने पर तत्काल इलाज करते हुए संबंधित स्वास्थ्य उपकेंद्र की एएनएम, सीएचओ तथा एमपीडब्ल्यू द्वारा धनात्मक रोगियों का फॉलोअप सुनिश्चित किया जाना है तथा इनके द्वारा सतत निगरानी कार्य सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि 15 मई से जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों के मलेरिया प्रभावित ग्रामों में घर-घर प्रशिक्षित छिड़काव कर्मियों द्वारा मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया जायेगा. इसके लिए ग्रामवार कार्य योजना तैयार कर ली गयी है. इस माह के अंत तक सभी छिड़कावकर्मियों को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित किया जायेगा. 90 दिन के छिड़काव के दौरान संबंधित क्षेत्र की एएनएम, सीएचओ, एमपीडब्ल्यू, सहिया साथी, बीटीटी द्वारा छिड़काव कार्य की दैनिक निगरानी की जानी है, ताकि क्षेत्र के निवासी मलेरिया से सुरक्षित रहें. उक्त सभी कार्यक्रमों में पीआरआइ सदस्य, मुखिया, मुंडा, शिक्षक तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं का पूर्ण सहयोग प्राप्त किया जायेगा. बैठक में सभी 15 प्रखंड के वीबीडी प्रभारी, निगरानी निरीक्षक, क्षेत्रीय कार्यकर्ता, वीबीडी टेक्निकल पर्यवेक्षक तथा वीबीडी सलाहकार शशि भूषण महतो, टेक्निकली पर्यवेक्षक अहसन फारूक, विकास कुमार, मनीष कुमार, तथा पीरामल के सुजीत गोयल आदि उपस्थित थे.
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