नाेवामुंडी. इस साल लगातार हो रही बारिश ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है. इससे खेती के कार्य ठप पड़ गये हैं. नोवामुंडी प्रखंड के कोटगढ़, बेतेरकिया, दुधविला, कुलेईसाई, सुकरीपाड़ा, हेस्सापी, हमसदा, पेटेता आदि गांव में पिछले 20 दिनों से लगातार बारिश हो रही है. अधिकांश किसानों द्वारा धान की बुआई भी नहीं की गयी है. किसानों ने हल जोतकर बुआई के लिए खेत तैयार की थी. इसके बाद बारिश शुरू हो गयी. इस वजह से किसानों मायूसी बढ़ गयी है. अधिकतर किसान धान की खेती कर साल भर घर चलाते हैं. उन किसानों के समक्ष साल भर परिवार को कैसे पालेंगे इसकी चिंता सताने लगी है.हर साल धान की खेती कर परिवार चलाते हैं. इस साल अभी तक खेती भी शुरू नहीं किया है. खेतों में पानी भर गया है. इससे धान की बुआई नहीं कर पा रहे हैं. संकट की घड़ी आ गयी है.
सुशील गौड़, ग्रामीण किसान
लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. क्षेत्र के किसान धान पर आश्रित हैं. धान के साथ सब्जियों की फसल को भी नुकसान हो रही है. बारिश रुकने पर ही धान के बिचड़े लगाने के काम होंगे.-पप्पू गौड़ ,अध्यक्ष, गौड़ सेवा संघ नोवामुंडी प्रखंड
लगातार हो रही बारिश से किसान परेशान हैं. हमारी दो एकड़ में लगी सब्जी व धान की फसल को नुकसान हुआ है. हम कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं. बारिश रुकने पर ही खेती का काम शुरू होगा.
-छबिंदर गोप, ग्रामीण किसान
बारिश के कारण जो किसान अभी तक धान का बिचड़ा तैयार नहीं कर पाये हैं. अभी समय है. एक सप्ताह के बाद बिचड़ा गिरा सकते हैं. वैकल्पिक तौर पर दलहन, तिलहन व मोटे अनाज की खेती कर सकते हैं.– कृतिधर महतो, प्रखंड कृषि पदाधिकारी.B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है