चाईबासा.मंझारी प्रखंड के इपिलसिंगी के बिडदीरी में रविवार को विद्यालय के नाम पर अवैध भूमि हस्तांतरण के विरोध में खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति ने आमसभा की. सभा का नेतृत्व बनमाली तामसोय ने किया. आमसभा में ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ के उपाध्यक्ष रेयांस सामड ने कहा कि झारखंड में पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून, सीएनटी एक्ट व विल्किंग्सन रूल लागू होने के बावजूद आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को हस्तांतरित की जा रही है, जो कि असंवैधानिक है, जिसमें ग्रामीण मुंडा और पंचायत मुखिया की मिलीभगत है. इसी मिलीभगत की वजह से आज झारखंड की डेमोग्राफी बदल रही है. देशाउली फाउंडेशन के फाउंडर साधु हो ने कहा कि कोल्हान की सभी ऐसी भूमि, जो बंजर पड़ी हैं. ऐसी भूमि को आदिवासी समुदाय द्वारा संचालित संस्थाओं द्वारा शिक्षण संस्थानों में विकास किया जाये, जिससे स्थानीय लोगों में शिक्षा के प्रति सजकता बढ़ेगी और स्थानीयों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
रैयती भूमि को बचाने के लिए कोल्हानवासी आगे आएं
चक्रधरपुर से आये बासिल हेंब्रम ने कहा कि बाहरी लोगों से रैयती भूमि को बचाने के लिए कोल्हानवासियों को आगे आना होगा. ग्रामीणों का कहना है कि प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को नहीं पढ़वा सकते हैं. ग्रामीण अर्जुन तामसोय ने कहा कि किसी भी हाल में बहारी को जमीन नहीं देंगे.ग्रामसभा में ये थे मौजूद
सभा में बिडदीरी, उकुमादकम, जोजोबेड़ा, पुकरीपी, डेबराबीर व नवागांव के ग्रामीण उपस्थित थे.छोटा तामसोय, बुधन सिंह तामसोय, बलभद्र सवैंया, रामहरि गोप, बुधन सिंह तामसोय, महेंद्र तामसोय, गुरा तामसोय, राॅबिन आल्डा, मनोहर तामसोय, मोरन सिंह तामसोय, प्रकाश तामसोय, प्रकाश पुरती, गुरुचरण सिंकु, रघुनाथ बिरुवा आदि.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है