हाटगम्हरिया.
हाटगम्हरिया बसों के परिचालन के कारण कभी गुलजार हुआ करता था. लेकिन सड़क खराब होने से यहां अब धीरे-धीरे लोगों की आवाजाही घटने लगी है. झारखंड के मंत्री दीपक बिरुवा का गृह प्रखंड होने के बाद भी यहां के लोग अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं. बारिश के दिनों में हाटगम्हरिया की स्थित बद से बदतर हो जाती है. बारिश होने पर सड़क कीचड़ से सन जती है, जिस पर आना-जाना खतरनाक हो जाता है. चाईबासा-जैंतगढ़ एनएच-75ई के नहीं बनने के कारण लोगों की इस समस्या का अंत होता नहीं दिख रहा है. हाटगम्हरिया से महज दो किमी दूर केंदपोसी स्टेशन है. रेलवे क्रॉसिंग होने के कारण यहां अंडरपास बना है. लेकिन अंडरपास और रेलवे की सड़क भी जर्जर है.जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली एकमात्र
सड़क
हाटगम्हरिया को जिला मुख्यालय चाईबासा से जोड़ने वाली यही एकमात्र सड़क है. हाटगम्हरिया से आकर जामडीह में जगन्नाथपुर, चाईबासा वाया सेरेंगसिया सड़क मिलती है. उक्त सड़क का जर्जर हिस्सा रेलवे विभाग के अधीन है. रेलवे की अनदेखी के कारण यह जर्जर हो गयी है. एक वर्ष पूर्व रेलवे लाइन की मरम्मत के नाम पर उक्त सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है. काम पूरा होने के बाद भी रेलवे की ओर से उक्त सड़क को आवाजाही के लिए नहीं खोला गया है, जिस कारण क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ यात्री बसों की आवाजाही में कठिनाई हो रही है.
इन गांव के लोगों को होती है
परेशानी
प्रखंड के आमाडिहा, पुंसिया, सगरकट्टा, जामडीह, कोचड़ा, सान मृगलिंडी, बड़ा मृगलिंडी, मातकमहातु, पाउपी, जिकीलता, नोंगड़ा, उलिपी, कारुमबुरु व देवझरी के ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है