चाईबासा.बाल कल्याण संघ एवं मिरेकल फाउंडेशन इंडिया की ओर से शुक्रवार को प्रमंडल स्तरीय इंस्पिरेशनल डायलॉग ऑन मिशन वात्सल्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विकास दोदराजका ने कहा कि बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण से जोड़ना और उन्हें बाल सुरक्षा कानूनों के बारे में शिक्षित करना, उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. उन्होंने पंचायत स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के गठन पर विशेष बल दिया. ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कहा कि बच्चे समाज की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर हैं और उनका संरक्षण व सशक्तीकरण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
बाल गृह में रहने वाले बच्चों में भी होती है असाधारण क्षमता : संजय
वहीं, बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने कहा कि संस्थागत देखभाल (बालगृह) में रहने वाले बच्चों में भी असाधारण क्षमताएं होती हैं. जरूरत केवल उनकी प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें सही अवसर देने की है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बाल संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में गंभीरता से कार्य कर रही है, जिससे बाल अधिकारों को लेकर एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा सके. बच्चों के सर्वांगीण विकास और उनके पुनर्वास के लिए सरकार, समाज और संस्थाओं के बीच समन्वय बेहद आवश्यक है. मौके पर पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों के बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल देखभाल संस्थान व विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है