चाईबासा.खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सदर अनुमंडल इकाई की बैठक अध्यक्ष बलभद्र सवैंया की अध्यक्षता में गुरुवार को चाईबासा के तांबो स्थित खूंटकट्टी मैदान में हुई. इस दौरान कातिगुटु मौजा के मुंडा सिदिऊ पुरती ने कहा एनएच 75ई चाईबासा बाइपास सड़क निर्माण कार्य के लिए हमलोगों ने कई बार जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में अपनी बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को सड़क निर्माण कार्य के नाम पर नहीं देने के लिए लिखकर जमा किया है.
विगत एक साल से लोकतांत्रिक मूल्यों के आलोक में कभी खेत-खेत से चलकर विरोध प्रदर्शन किया. उसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, उपायुक्त को बार-बार मांग पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराया. बावजूद इसके फिर अंचल कार्यालय से फोन करके हमलोग को बताया जा रहा है कि अपने-अपने गांव के रैयतों की वंशावली सत्यापित कर संबंधित कार्यालय में जमा किया जाये. यह कोल्हान में लागू विल्किंसन रूल्स का उल्लंघन है.उन्होंने कहा कि विल्किंसन रूल्स में गांव के संगठन के तहत आपराधिक घटनाक्रम, राजस्व एवं शांति व्यवस्था संधारण करने का भी अधिकार मानकी-मुंडा को प्राप्त है. ग्रामीणों की सहमति के बगैर स्वविवेक से हमलोग कोई निर्णय नहीं ले सकते. झारखंड पुनरुत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा कि कार्यपालिका शक्ति के तहत कोल्हान में पदस्थापित किसी भी आला अधिकारी के द्वारा कोल्हान में लागू विल्किंसन रूल्स का उल्लंघन करने वाले को सहन नहीं किया जा सकता है.बैठक में ये थे मौजूद
तुईबीर गांव के मुंडा मैथ्यू देवगम, सिंहपोखरिया के मुंडा दीपू सवैंया, गीतिलपी गांव के मुंडा बबलू सवैंया, टोटो गांव के मुंडा सुरेंद्र बानरा, तोलगोइसाईं के मुंडा मधु पुरती, झारखंड पुनरुत्थान अभियान के जिला संयोजक अमृत मांझी, खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति के केदारनाथ कालुंडिया, रामेश्वर सवैंया, मनमोहन सवैंया, अधिवक्ता सुरेश सोय, झींकपानी प्रखंड के पूर्व उप प्रमुख तरुण कुमार सवैंया, मोटाए सवैंया, संतोष कुमार सवैंया आदि.
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