चाईबासा.झींकपानी प्रखंड के रघुनाथपुर गांव में सोमवार को खूंटकटी रैयत रक्षा संघ की बैठक हुई. जिला परिषद भाग 2 सदस्य सह अधिवक्ता जयश्री सवैंया ने कहा कि सिंहपोखरिया गांव के निवासी होने के साथ ही उनका बहुफसली सिंचित रैयती भूमि भी प्रस्तावित चाईबासा बाईपास सड़क निर्माण कार्य से प्रभावित होने वाली है. कहा कि झारखंड संशोधन 2017 में स्पष्ट उल्लेख है पांचवीं अनुसूची राज्य और जिला में किसी भी विकास परियोजना के लिए रैयतों अर्जन भूमि करना है तो पहले ग्रामसभा से सहमति प्राप्त कर लें और कोल्हान में मानकी -मुंडा से तथा जिला परिषद से भी सहमति लेना आवश्यक है.
लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई चाईबासा बाइपास सड़क निर्माण कार्य के लिए उल्लेखित प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया है. उसके बाद फिर बार- बार जिला भू -अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय से रैयती भूमि मालिकों को नोटिस निर्गत किया जा रहा है. यह आदिवासी- मुलवासियों के सहज, सरल और निरक्षर, निर्दोष होने के कारण इरादतन प्रताड़ित करने जैसे प्रतीत होता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है.आज के युवा वर्ग ही कल के कर्णधार
रैयत संतोष कुमार सवैंया ने कहा कि आज युवा वर्ग ही कल के कर्णधार हैं. आज अगर युवा वर्ग अपने जल, जंगल, जमीन को बचाने के लड़ाई में शामिल नहीं हुआ तो प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ई के नाम पर उनका विस्थापन निश्चित है और उनका अस्तित्व बचने वाला नहीं है. बैठक को झींकपानी प्रखंड के पूर्व उप प्रमुख सह रैयत तरुण कुमार सवैंया, समिति के अध्यक्ष बलभद्र सवैया, रमेश सिंह सवैया, केदारनाथ कालुंडिया, नरेश सवैंया, सनातन सवैंया, झारखंड पुनरुत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने भी संबोधित किया. बैठक में रघुनाथपुर के काफी संख्या में महिला-पुरूष शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है