चक्रधरपुर.
प्रदीप कुमार मंडल जो सितंबर 2022 में मध्य विद्यालय बनालता से शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए थे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने जीवन को विश्राम नहीं दिया, बल्कि समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा के साथ सक्रिय हो गए. बच्चों के भविष्य को तराशने का संकल्प, टैलेंट सर्च एग्जाम की पहल और सेवानिवृत्ति के बाद श्री मंडल ने शौंडिक समाज के एक सक्रिय सदस्य के रूप में काम करना शुरू कर दिया. इस मंच के माध्यम से उन्होंने टैलेंट सर्च एग्जाम की शुरुआत की. इसका उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र के होनहार छात्रों की प्रतिभा को पहचानना और उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करना है. यह परीक्षा संयुक्त रूप से सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में आयोजित की जाती है. अब तक इसका तीन बार सफल आयोजन हो चुका है. इसमें दर्जनों बच्चों का चयन कर उन्हें उच्च शिक्षा और बेहतर करियर की जानकारी दी जाती है.प्रदीप कुमार मंडल सामाजिक कार्यों में सदा अग्रणी भूमिका निभाते हैं
प्रदीप कुमार मंडल केवल शिक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं. केरा उनका मूल गांव है, जहां वे रिटायरमेंट के बाद पूर्ण रूप से निवास कर रहे हैं. गांव में होने वाले धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यों में वे सदा अग्रणी भूमिका निभाते हैं. चाहे मंदिर में आयोजन हो, गांव की समस्याओं का समाधान हो या सामूहिक निर्णय, हर जगह उनकी उपस्थिति और सलाह को अहमियत दी जाती है. श्री मंडल उन गिने-चुने लोगों में से हैं जो रिटायरमेंट के बाद भी अपने अनुभव और ज्ञान को समाज के लिए समर्पित कर रहे हैं. उनके कार्यों ने यह सिद्ध कर दिया है कि सेवा भावना उम्र की मोहताज नहीं होती. वे आज भी एक आदर्श शिक्षक, समाजसेवी और मार्गदर्शक के रूप में लोगों के दिलों में बसे हुए हैं.
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