मनोहरपुर. मनोहरपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 3 साल पहले ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मीना बाजार से पोंगा जंक्शन तक 13 करोड़ से बनी 20.90 किमी सड़क जर्जर हो गयी है. ग्रामीणों को आरोप है कि सेल की चिरिया माइंस में लौह-अयस्क ओवरलोडेड वाहन से सड़क जर्जर हो गयी है. भारी वाहन के परिचालन से मीना बाजार, कोलबोंगा, और गिनडुंग के ग्रामीण नाराज हैं.जानकारी के मुताबिक, मीना बाजार से कुछ दूर पर सड़क का बड़ा हिस्सा नाले में समा गया है. सड़क कई जगहों से टूटने और उखड़ने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की भार क्षमता कम है. वहीं माइंस से ज्यादा भार वाले लौह-अयस्क लदे वाहनों का परिचालन होता है. इसे लेकर ग्रामीणों ने कई बार विरोध किया था. इसके बाद पिछले साल 6 नवंबर को मनोहरपुर साइडिंग में हुई बैठक में वाहनों की आवाजाही पर कई शर्तों के तहत ग्रामीणों ने अनुमति दी थी. शर्त के मुताबिक, सेल की ओर से 6 और माइंस ठेकेदार नारायणी संस इंडिया प्रालि की ओर से प्रभावित क्षेत्र के 12 लोगों को नौकरी देने की बात हुई थी. आज तक माइंस ठेकेदार की ओर से कोई नौकरी नहीं दी गयी. वहीं, सेल ने 3 लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
विभाग के हस्तक्षेप के बाद हाइकोर्ट ने दो माह तक वाहन चलाने दिया था आदेश:
ग्रामीणों के साथ बनी सहमति के बाद विभाग ने अयस्क से भरे वाहनों के आवाजाही पर रोक लगा दी थी. लेकिन हाइकोर्ट ने दो माह तक वाहनों के आवाजाही का आदेश दिया. दो महीनों के बाद इस सड़क से वाहनों का आना-जाना जारी है. माइंस ठेकेदार नारायणी संस के प्रतिनिधि पंकज अग्रवाल ने बताया कि हाइकोर्ट के आदेश को लेकर अगले 5 अगस्त को सुनवाई हुई है. फिलहाल वाहनों के आवक पर अंतरिम आदेश दिया गया है. समाचार लिखे जाने तक उन्होंने आदेश का पत्र नहीं दिखाया. जबकि, 12 लोगों के रोजगार दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसे लेकर आजसू के शंकर सिंह मुंडारी और लाइलोर पंचायत के पंसस तारा सोय ने कहा कि सेल प्रबंधन की ओर से सिर्फ सड़क की मरम्मत का आश्वासन ही मिलता है. कोई पहल नहीं होती है. जल्द ही गांव में बैठक कर आंदोलन संबंधी निर्णय लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है