चक्रधरपुर. सारंडा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अभिनव प्रयास किया गया है. सारंडा के प्रमुख पर्यटन स्थलों का 3डी और 360 डिग्री वीडियो तकनीक की सहायता से डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन किया गया. इससे वर्चुअल टूरिज्म कंटेंट तैयार किया जायेगा. यह कार्यक्रम जिला खेल पदाधिकारी (डीएसओ) रूपा रानी तिर्की के मार्गदर्शन में हुआ. फील्ड समन्वय की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग के केके दास ने निभाई. दिल्ली से आई तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों से पूरे कार्यक्रम को डिजिटल प्लेटफॉर्म के अनुकूल बनाने में सहयोग प्रदान किया. साथ ही डीएसओ कार्यालय से अर्चना और मनीषा ने भी इस अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाई.
प्राकृतिक सौंदर्य और जनजातीय संस्कृति को संजोया गया:
इस विशेष कार्यक्रम में सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ अविरूप सिन्हा की टीम ने क्षेत्र के प्रमुख स्थलों जैसे घाघीरथी जलप्रपात, ठोलकोबाड़ आदिवासी गांव और किरीबुरू सनसेट प्वाइंट का दौरा किया. इन स्थलों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्राकृतिक सुंदरता को कैमरे में कैद किया गया. इसके साथ ही, आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक पारंपरिक नृत्य और जीवनशैली को भी डिजिटल माध्यम में फिल्माया गया.स्थानीय लोगों से जुड़ाव और सहभागिता:
फील्ड विजिट के दौरान पर्यटन टीम ने न केवल डिजिटल कंटेंट तैयार किया, बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ भी संवाद स्थापित किया. डीएसओ रूपा रानी तिर्की और उनकी टीम द्वारा स्थानीय बच्चों और ग्रामीणों के बीच चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक, रिफ्रेशमेंट और स्पोर्ट्स जर्सी का वितरण किया गया. यह पहल बच्चों और ग्रामीणों में विशेष उत्साह का कारण बनी और स्थानीय जनता ने इस सौहार्द्रपूर्ण संबंध की भरपूर सराहना की.झारखंड की धरोहर को डिजिटल मंच पर ले जाने की पहल
इस पूरी गतिविधि का उद्देश्य झारखंड के प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करना है. जिससे राज्य में पर्यटन को नई दिशा मिल सके. इस प्रयास के माध्यम से वर्चुअल टूरिज़्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटक घर बैठे ही झारखंड के सौंदर्य का अनुभव कर सकेंगे. राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है