चाईबासा.
चाईबासा सदर प्रखंड अंतर्गत बरकुंडिया मौजा में सोमवार को कोल्हान देशाउली दियुरी जुम्बुलय का आयोजन किया गया. तेरगो मौजा के मुंडा पितांबर बुड़ीउली व बरकुंडिया मौजा के दियुरी (ग्राम पुरोहित) की अध्यक्षता में वैचारिक सम्मेलन हुआ. इसमें ईचा डैम के प्रभावित गांवों के कुल 40 दियुरी शामिल हुए. यहां बरकुंडिया ग्रामसभा के सचिव ने कहा कि जिस कोल्हान की जमीन पर आदिकालीन सभ्यता का उदय हुआ. उसी कोल्हान की देवभूमि का अस्तित्व आज चुनौतियों से घिरा हुआ है. देवभूमि के बचाव में झारखंड सरकार के समक्ष ईचा डैम को रद्द करने की मांग रखने का निर्णय लिया. कलाइया के समाजसेवी जयसिंह तिरिया ने कहा कि डैम की ऊंचाई बढ़ाने-घटाने से डूब क्षेत्र के देशाउली दियुरियों का दुःख कम नहीं होगा. जो सरकार अपनी जनता को जीवन सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती है वह ””””अबुआ सरकार”””” कैसे हो सकती है.मौके पर हरिश्चन्द्र सावैयां, जयराम देवगम, साधु बुड़ीउली, राम गागराई, कमल कुदादा, कपालेश्वर बोदरा, रोशन तिरिया, सोमा बुड़ीउली, दुम्बी तिरिया, दुमु आल्डा, जयकिशन बुड़ीउली, गोसा बुड़ीउली, गुंए आल्डा, राईमन कुदादा आदि शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है