चाईबासा.
जिला समाहरणालय में उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में बाल संरक्षण योजना मिशन वात्सल्य और समाज कल्याण कार्यालय तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की गयी. उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण इकाई एवं समाज कल्याण विभाग के तहत जिला, प्रखंड एवं सेक्टर स्तर पर स्वीकृत एवं कार्यरत कार्यबल की स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद जिला में संचालित ऑब्जर्वेशन होम, छाया बालिका गृह व बाल कुंज बालक बालगृह समेत अन्य संचालित गृह में आवासित बच्चों की संख्या की जानकारी ली. इस दौरान उपायुक्त द्वारा जिला अंतर्गत बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल श्रम और वित्तीय सहायता से आच्छादित 18 वर्ष से कम उम्र की देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चों से संबंधित विस्तृत जानकारी ली.कठिन परिस्थिति में रहने वाले परिवार के बच्चों चिह्नित करें
उपायुक्त ने बाल संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रमों में कार्यरत सभी कर्मियों को सजग होकर काम करने का निर्देश दिया. साथ ही कठिन परिस्थिति में रहने वाले परिवार के बच्चों को चिह्नित कर उनके बेहतर पालन पोषण के लिए फोस्टर केयर एवं स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम अंतर्गत जोड़ने को निर्देश दिया. इसके अलावा जिले में संचालित विभिन्न गृह में रह रहे बच्चों का पुनर्वास के लिए उनकी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही के लिए बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया.
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पोर्टल पर अपडेट करें
डीसी ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया. सेविका-सहायिका के रिक्त पदों पर चयन करने को ग्रामसभा से संबंधित प्रतिवेदन, सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र के तहत प्रति केंद्र से मिलने वाली 10,000 रुपये की राशि के विरुद्ध कार्य योजना का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने, आंगनबाड़ी कर्मी के निजी भवन में संचालित केंद्र को यथाशीघ्र वहां से स्थानांतरित और लापरवाह सेविका, सहायिका व सुपरवाइजर को नोटिस जारी करने के लिए निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है