चाईबासा. कोल्हान विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में शुक्रवार को विद्यार्थियों को टीबीमुक्त झारखंड में योगदान की शपथ दिलायी गयी. चाईबासा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शिवचरण हांसदा ने बताया कि जिले में अबतक 100 से अधिक जागरुकता के कैंप लगाकर टीबी के करीब चार हजार मरीजों की पहचान की गयी है. मरीजों का इलाज करते हुए जीवन प्रदान करने की कोशिश हुई है. डॉ हांसदा ने विद्यार्थियों को गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने की अपील की. टीबी के लक्षण. डॉ दारा सिंह गुप्ता ने बताया कि बीमार व्यक्ति में लगातार खांसी, छाती में दर्द, बुखार, रात में पसीना, थकान कमजोरी, वजन घटना, भूख का नहीं लगना, सांसों में तकलीफ, गले में खराश, चेहरे में सूजन, खांसी के साथ खून का आना आदि है.
टीबी मरीज की विशेष देखभाल जरूरी
एनएसएस इकाई व खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन हुआ. मौके पर केयू के एनएसएस कॉर्डिनेटर डॉ दारा सिंह गुप्ता ने बताया कि टीबी एक जीवाणु से होने वाली बीमारी है. यह बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलता है. केयू के स्पोर्ट्स इंचार्ज डॉ मन्मथ नारायण सिंह ने बताया कि टीबी मरीज की देखभाल जरूरी है. बीमार व्यक्ति को उचित खानपान, इलाज, टीबी का टीका व योग का करना चाहिए. विद्यार्थी अपने मोबाइल में टीबी आरोग्य साथी डाउनलोड कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस अवसर पर अनिश कुमार सिन्हा, अगस्ति चन्द्र प्रधान व ओम प्रकाश ठाकुर आदि मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है