चाईबासा. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अक्षत श्रीवास्तव की अदालत ने जलमीनार लगाने के नाम पर 2 लाख 70 हजार रुपये की ठगी करने के दोषी को दो धाराओं में अलग-अलग सजा सुनायी. धारा 420 भादवि में दोषी को चार साल का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये तथा धारा 419 भादवि में दो साल और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी. अभियुक्त अटल बिहारी उर्फ बिहारी मंडल गोड्डा जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दोदरो गांव का रहनेवाला है. पांड्राशाली ओपी क्षेत्र के केंदुलोटा गांव निवासी रितेश जारिका के बयान पर 12 जून 2023 को मुफस्सिल थाना में रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था. दर्ज मामले में बताया था कि अभियुक्त ने खुद को पीएचइडी का जेई दीपक कुमार बताया था. बताया कि उपायुक्त का आदेश है कि पांड्राशाली बैंक परिसर में जल मीनार लगाना है. जिसकी देखरेख करना है. इसके एवज में काम शुरू करने के लिए पहले पैसा लगाना है. इसके बाद अभियुक्त ने कहा कि डीप बोरिंग के लिए केसिंग पाइप लगाना है. केसिंग पाइप खरीदने के नाम पर 2 लाख 70 हजार रुपये की ठगी कर ली. थाना में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद पुलिस ने सभी साक्ष्यों को संग्रह करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया . उसके आधार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनायी . बताया है कि अभियुक्त के द्वारा इसी तरह से गलत नाम बताकर खूंटी व अन्य जगहों से रुपयों की ठगी की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है