जगन्नाथपुर/नोवामुंडी.नोवामुंडी प्रखंड की जेटेया पंचायत स्थित नयागांव के ओडिया स्कूल में गुरुवार को एमडीएम (मध्याह्न भोजन) खाने के बाद तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान एक बच्ची की मौत हो गयी थी. जबकि डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गये थे. इस मामले की जांच करने के लिए सदर अस्पताल, बड़ाजामदा स्वास्थ्य विभाग व फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर अभिषेक आनंद स्कूल पहुंचे. टीम ने पाया कि वर्तमान में कुल 20 बच्चे नोवामुंडी अस्पताल में भर्ती हैं. शनिवार को तीन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान नयागांव के आंगनबाड़ी केंद्र के पास स्वास्थ्य जांच टीम ने शिविर लगाकर गांव के दो बुजुर्ग, नौ बच्चों सहित कुल 134 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की. जांच शिविर में डाॅ प्रिंस पिगुवा, डाॅ नागमणि बेहरा, सीएचओ सरोज पुरती, एएनएम पूनम,अंजू, सुमति, नीलम, एमपीडब्ल्यू विकिस, कमल, कैरा, दीपक व प्रदीप आदि शामिल थे.
पदाधिकारियों ने बीमार बच्चों से ली जानकारी
वहीं, शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रवीण कुमार व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुधामय साहू ने स्कूल पहुंचकर मामले जांच की. इसके बाद नोवामुंडी अस्पताल जाकर बच्चों की स्थिति की जानकारी भी ली. वहीं, फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने भी स्कूल का दौरा कर पाकशाला, चावल, दाल, तेल और मसालों की जांच की, जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक बीरेंद्र नाथ महतो से एमडीएम की गुणवत्ता और रसोइया की जानकारी ली.
फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने शिक्षक से की पूछताछ
इस दौरान प्रधानाध्यापक बीरेंद्र नाथ महतो ने बताया कि गुरुवार को रसोइया की तबीयत खराब थी. वह छुट्टी पर थी. इस वजह से एमडीएम सहायक शिक्षक भीष्म गोप ने बनाया था. इसके बाद फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने भीष्म गोप से पूछताछ की व स्कूल से मसूर दाल, हल्दी पाउडर, सरसों तेल और पानी का सैंपल लिया. सैंपल को जांच के लिए रांची के नामकुम स्थित फूड एंड सेफ्टी डायरेक्टर को भेजा दिया. फूड सेफ्टी पदाधिकारी अभिषेक आनंद बताया कि अब रांची से रिपोर्ट आने के बाद ही फूड प्वाइजनिंग की असली वजह सामने आयेगी.
डायरिया का कोई नया मरीज नहीं मिला : सीएस
डायरिया मामले की जांच करने स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी. जहां डायरिया का कोई नया मरीज नहीं मिला है. जांच में छह लोगों में लूज मोशन की शिकायत मिली थी, जिनका इलाज किया गया है.
– जुझार माझी, सिविल सर्जनअभिभावकों व ग्रामीणों से हुई बात
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा है कि बच्चों को हुई बीमारी का संबंध एमडीएम से नहीं है. बच्चे तीन बजे यहां से घर गये हैं. घर पहुंचकर खेले भी हैं. हम विद्यालय प्रबंध समिति के लोगों के साथ गांव गये थे. वहां बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों से भी बात की है.-सुदामय साहू, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, नोवामुंडी
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