मनोहरपुर.
पिछले दिनों मनोहरपुर व आसपास के क्षेत्रों में हुई लगातार बारिश के बाद मनोहरपुर साइडिंग पुलिया के धंसने की आशंका को लेकर शनिवार की शाम सेल प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन ने पुलिया से वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया. पुलिया से आवाजाही बंद होने से सेल की चिरिया माइंस से साइडिंग तक लौह-अयस्क का परिवहन पूरी तरह से ठप हो गया है. इस वजह से सेल और माइंस की ठेका कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, हालांकि, इसे लेकर सेल प्रबंधन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश की जा रही है. लेकिन बगल के गांव से होकर अयस्क के परिवहन के मद्देनजर ग्रामीण या प्रशासन के द्वारा विकल्प की उम्मीद कम है. मालूम हो कि भारी बारिश की वजह साइडिंग के पास अवस्थित 36 साल पुरानी पुलिया ध्वस्त होने के कगार पर है. पुलिया के नीचे से मिट्टी के बहने से आवागमन काफी जोखिम भरा हो गया है. इसी के मद्देनजर सेल व स्थानीय प्रशासन ने पुलिया को बंद कर दिया है.साइडिंग गेस्ट हाउस और आसपास का इलाका बना डंपिंग यार्ड, प्रदूषण का खतरा बढ़ा
पुलिया बंद किये जाने से लौह अयस्क साइडिंग तक नहीं जा पाने से सेल के गेस्ट हाउस और आसपास का इलाके को अब माइंस ठेकेदार ने डंपिंग यार्ड बना दिया है. इससे आसपास के इलाकों में प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है. पास के खेल मैदान में भी लौह अयस्क का लाल पानी जाने का अंदेशा बढ़ गया है. सूत्रों के अनुसार, सेल प्रबंधन अब अयस्क को साइडिंग तक पहुंचाने के लिए विकल्प के तौर पर पुरनापानी गांव वाली सड़क पर विचार कर रहा है. हालांकि, इस मार्ग पर आवागमन के दौरान ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों के साथ-साथ हाइकोर्ट ने भी दो माह के लिए परिवहन की अनुमति दी थी. इस आदेश के तहत माइंस से कोलबोंगा, गिंडूग और मीना बाजार होते हुए अयस्क का परिवहन शुरू हुआ, जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त होने लगी हैं. इस पर ठेका कंपनी नारायणी संस इंडिया प्रालि के प्रतिनिधि ने हाइकोर्ट के आदेश के विस्तार (एक्सटेंशन) का हवाला दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित है. इधर पुलिया से आवागमन बंद किए जाने को लेकर कंपनी के प्रतिनिधि सुनील शाह ने पत्रकारों को बताया कि यह निर्णय सेल प्रबंधन के निर्देश पर लिया गया है. उन्होंने कहा कि माइंस से अयस्क का परिवहन भी सेल के आदेश पर ही रोका गया है.आगे की कार्रवाई भी प्रबंधन के निर्देशानुसार ही की जाएगी.
मनोहरपुर से बाहर नहीं जा पा रहा लौह अयस्क
चिरिया लौह अयस्क खदान से रेजिंग के बाद उस लौह अयस्क को सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टिंग कर मनोहरपुर के रेलवे साइडिंग लाया जाता है. जहां से गुड्स ट्रेनों से लौह अयस्क विभिन्न स्टील प्लांट को भेजा जाता है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो रेलवे साइडिंग से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित तीन दशक पुराना पुल ध्वस्त होने का कगार पर है. ऐसी स्थिति में लौह अयस्क को इस मार्ग से रेलवे साइडिंग तक ले जाना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में साइडिंग से रैक लोडिंग होना कठिन है, जिस कारण लौह अयस्क को दूसरे स्थान पर भेजना ठेका प्रबंधन और सेल प्रबंधन के लिए काफी कठिन है.क्षतिग्रस्त पुल को शनिवार को सेल के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बंद किया गया है. सेल ने प्रशासन को पुल के ध्वस्त होने का कारण बताते हुए आवागमन बंद करने के लिए सहयोग मांगा था. इस पर संबंधित पंचायत को उक्त मार्ग को बंद करने व आम लोगों का आवागमन पुरानापानी होते हुए ढाबा के समीप मार्ग बताया गया है. लेकिन यह मार्ग लौह अयस्क परिवहन के लिए नहीं है. सेल ने वैकल्पिक मार्ग की मांग की है.
शक्ति कुंज
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