चाईबासा.
कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में शनिवार को संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसकी अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ सुनील मुर्मू ने की. पहले दिन संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता हुई. निर्णायक मंडली में कोल्हान विश्वविद्यालय के सीसीडीसी व मैथिली भाषा के डॉ आरके चौधरी, स्नातकोत्तर ओडिया विभागाध्यक्ष डॉ बीबी भुइयां व स्नातकोत्तर हिंदी विभागाध्यक्ष डाॅ भारती कुमारी रहीं. प्रतियोगिता में संस्कृत विभाग के तृतीय सेमेस्टर की छात्रा प्रथमी सिंह मुंडा को पहला स्थान, द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा रेशमा महतो को दूसरा स्थान व रोजी किंडो को तीसरा स्थान मिला. वहीं, तृतीय सेमेस्टर के विकास महतो व द्वितीय सेमेस्टर की रजनी बिरुवा को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया.संस्कृत के अध्ययन से होता है चरित्र का निर्माण
डॉ बीबी भुइयांओडिया विभागाध्यक्ष डॉ बीबी भुइयां ने कहा कि संस्कृत एक अनुशासित भाषा है. इसके अध्ययन से विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण में सहायता मिलती है. हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ भारती कुमारी ने कहा कि संस्कृत समृद्ध भाषा है. इसके साहित्य का अध्ययन व अध्यापन करना सौभाग्य की बात है. आज मुझे अनुभव हुआ कि संस्कृत के श्लोक देखने में कठिन जरूर लगते हैं, लेकिन उनकी गेयता को पहचान लेने पर बहुत सरल लगने लगते हैं. विभागाध्यक्ष डॉ सुनील मुर्मू ने कहा कि संस्कृत के छंदों के सही ज्ञान से संस्कृत श्लोकों का श्लोक-पाठ आसान हो जाता है. उन्होंने कुछ विशिष्ट छंदों का गायन कर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया.
एक सप्ताह तक अलग-अलग कार्यक्रम होंगे
कार्यक्रम की संयोजिका स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापिका प्रोफेसर दानगी सोरेन ने कहा कि संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत संस्कृत नाटक मंचन, संस्कृत सुक्ति लेखन प्रतियोगिता, संस्कृत निबंध प्रतियोगिता, संस्कृत संभाषण, संस्कृत गीत प्रतियोगिता, संस्कृत अंत्याक्षरी, संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आदि होगी. कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्कृत विभाग की शिक्षण सहायिका लीलावती कुमार व सरस्वती महतो ने सक्रिय भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है