नोवामुंडी.
नोवामुंडी साप्ताहिक हाट बाजार में बने सरकारी शेडों पर दबंगों की ओर से कब्जा किये जाने की शिकायत स्थानीय ग्रामीणों ने की थी. इसकी जांच के लिए गुरुवार को ग्रामीण मुंडा घोसवा बारजो, जयराम बारजो, घनश्याम हेंब्रम, पंचायत समिति सदस्य मांगीलाल केराइ, गणेश केराइ, गौतम मिंज ने इन सरकारी शेडों का निरीक्षण किया. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी शेड का निर्माण उनके द्वारा अपने उत्पाद, सब्जी-भाजी व अन्य सामान रखने और बेचने के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए किया गया था. अब इस पर कब्जा होने से उन्हें अपना सामान रखने के लिए भड़ा देना पड़ता है. रविवार हाट बाजार के दिन भी बड़े व्यवसायियों द्वारा शेड पर कब्जा होने से ग्रामीणों को नाली के ऊपर बने स्लैब व रोड के किनारे बैठकर अपना सामान बेचना पड़ता है. ग्रामीणों ने सभी सरकारी शेडों की जांच की मांग की.दो दिन चार महिलाओं को नहीं लगाने दी गयी थी दुकान
दो दिन पहले अपनी सिलाई मशीन के साथ पहुंची चार महिलाओं ने एक खाली शेड की सफाई कर अपनी दुकान लगानी चाही, तो उन्हें शेड पर पहले से कब्जा कर रखे दुकानदारों के विरोध का सामना करना पड़ा. इन महिलाओं में शुरू चांपिया, ननिका सिरका, दशमति चातोंबा, सुमंती लागुरी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि समूह की ओर से सिलाई सीख कर वे अपनी आजीविका चलाना चाहती हैं. बाजार में जगह नहीं मिल रही है, इसलिए अंचल कार्यालय और प्रखंड कार्यालय का बार-बार चक्कर लगाकर आवेदन दे चुकी हैं. पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की हालत जर्जर
नोवामुंडी बाजार के सरकारी शेड में चल रहे मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की स्थिति भी बहुत जर्जर हो चुकी है. यहां लगभग 40 से 50 लोग रोजाना भोजन करते हैं. केंद्र की स्थिति ऐसी है कि कभी भी गिर सकता है.
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