जैंतगढ़.
जैंतगढ़ आस-पास की पांच हजार की आबादी को बुधवार को साफ पानी नसीब हुआ. करीब एक महीने तक मटमैला लाल पानी सप्लाई होने से जनता में काफी रोष था. प्रभात खबर ने लाल पानी आपूर्ति के साथ पानी बंद करने की घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इसके बाद पीएचइडी विभाग रेस हो गया. विभाग ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए त्वरित करवाई की. बुधवार से पानी फिल्टर कर सुचारू रूप से सप्लाई की गयी. विदित हो कि जैंतगढ़ ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र से जलापूर्ति की जाती है. यह परियोजना क्षेत्र की लाइफलाइन है. जैंतगढ़ के लोग पूरी तरह इसी पानी पर निर्भर है. क्योंकि जैंतगढ़ में कुआं और चापाकल का पानी बहुत खारा है. यह पानी पीने, खाना बनाने और कपड़े साफ करने में काम में नहीं आता है. परियोजना चालू होने से पांच वर्ष तक संवेदक द्वारा उसका संचालन और मेंटेनेंस किया गया. पांच वर्षों तक परियोजना ठीक-ठाक चली. अब समिति बनाकर इसका संचालन करना है. विगत आठ माह से समिति की ओर से संचालित है. समिति सदस्य का समय पर उपभोक्ताओं द्वारा पानी बिल नहीं जमा करने का आरोप लगाते हैं, जिससे समय पर मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है