चाईबासा. चाईबासा सदर प्रखंड के करलाजोड़ी मिशनरी ऑफ चैरिटी मैदान में गुरुवार को प्रस्तावित चाईबासा बाइपास रिंगरोड के खिलाफ असहमति आमसभा हुई. इसकी अध्यक्षता करलाजोड़ी के ग्रामीण मुंडा गोविंद पुरती ने की. बैठक में मुंडा ने मांग पत्र पढ़कर सुनाया. उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को मांगपत्र भेजा जायेगा. बैठक में सदर अंचल, खूंटपानी व झींकपानी अंचल के 16 मौजा के मुंडा व रैयत शामिल हुए. सभी ने एनएच-75ई रिंगरोड निर्माण में अपनी जमीन नहीं देने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि दादा-परदादा के समय से खेती कर रहे हैं. निजी जमीन किसी हालत में नहीं देंगे. अगर जबरदस्ती की गयी, तो हम चाईबासा के विधायक सह मंत्री दीपक बिरुवा व सांसद जोबा माझी का घेराव करेंगे. बैठक में सदर अंचल के 16 राजस्व मौजा करलाजोड़ी, बाइहातु, टोंटो, डिलियामार्चा, खप्परवसाई, कातिगुटु, टेकासाई, बाई तुईबीर, डोंका साई, डोबरोसाई, गितिलपी, सिंहपोखरिया एवं खूंटपानी अंचल के पुटिदा तथा झींकपानी अंचल के रघुनाथपुर मौजा के मुंडा-मानकी व रैयत शामिल थे.
तो भूखे मरने की नौबत होगी : नितिमा
सिंहपोखरिया निवासी नितिमा सावैयां ने कहा कि पूर्वजों का जमीन हमारी संपत्ति है. अपना हक और अधिकार को किसी हालत में छिनने नहीं देंगे. यहां के आदिवासी खेती पर निर्भर हैं. अगर जमीन चली जायेगी, तो भूखे मरने की नौबत होगी. रिंगरोड का निर्माण होने से बाहरी लोगों का अधिकार चलेगा. चाईबासा के मंगलाहाट व मधु बाजार संध्या गुदड़ी में गांव के किसानों को खेती के उत्पाद बिक्री करने को जगह नहीं मिलती है. सभी लोगों को एकजुट होकर बाहरी दुकानदारों को खदेड़ना होगा.जमीन की लूट नहीं होने देंगे : होनहागा
खूंटपानी प्रखंड के प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा ने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल व जमीन को लूटने नहीं देंगे. पंपाड़ा गांव की मीरा देवगम ने कहा कि पूंजीपतियों से पैसे लेकर हमारे जनप्रतिनिधि हमें बेघर करने की सोच रहे हैं. किसी हालत में रिंगरोड निर्माण के लिए जमीन नहीं देंगे. उन्होंने कुछ मौजा के मुंडाओं को जमीन दलाल कहा. बैठक को झारखंड पुनरुत्थान के केंद्रीय अध्यक्ष सन्नी सिंकु, महासचिव अमृत माझी समेत अन्य मुंडा व रैयतों ने भी संबोधित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है