मझगांव.
मझगांव प्रखंड की ग्रामीण जलापूर्ति योजना बीते चार महीने से बंद पड़ी है, जिससे बलियापोसी, पड़सा और मझगांव पंचायत के दर्जनों गांवों के 2300 परिवारों को बरसात के मौसम में भी पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि योजना के प्रारंभ से ही गर्मियों के महीनों मार्च, अप्रैल और मई में जलापूर्ति ठप हो जाती है, क्योंकि उस दौरान नदी में पानी कम हो जाता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब जबकि नदी में पानी भरपूर है, फिर भी लोगों को जलापूर्ति नहीं की जा रही है. इस संंबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता अभय कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.पानी है, फिर भी नहीं मिल रही सप्लाई
विभाग की ओर से नदी में पानी भंडारण की कोई स्थायी व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. अब जब नदी लबालब है, तब भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीन रवैये से आपूर्ति बंद है.22 जनवरी को हुआ था निरीक्षण
तत्कालीन उपायुक्त कुलदीप चौधरी, वरीय पदाधिकारी और स्थानीय विधायक ने 22 जनवरी को गुड़गांव नदी स्थित स्टोरेज केंद्र का निरीक्षण किया था, जिसमें कई खामियां उजागर हुई थीं. लेकिन निरीक्षण के बाद भी लोगों को मुश्किल से 10 दिन ही पानी मिल पाया.
कर्मियों को नहीं मिल रहा भुगतान
विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा, इसी कारण जलापूर्ति पूरी तरह ठप है. इधर, दिसंबर में कार्यकारी एजेंसी का पांच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारी अब तक मौन हैं.
बरसात में भी पानी नहीं मिलना विभाग की घोर लापरवाही है. कई बैठकों में मुद्दा उठाया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.-लंकेश्वर तामसोय, जिला परिषद सदस्य
पिछले सप्ताह जल संकट पर बैठक हुई थी. मझगांव जलापूर्ति योजना को पुनः शुरू करने की बात हुई है.-विजय रंजन तिर्की, बीडीओ
“यह योजना ठेकेदारी तक सीमित रह गयी है. आम लोगों को इससे कोई फायदा नहीं मिला.– मजहर हुसैन, जिला अध्यक्ष, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
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