चाईबासा.खूंटकटी रैयत रक्षा समिति की बैठक रविवार को डोंकासाई और गितिलपी मौजा में आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष बलभद्र सवैंया ने की. उन्होंने प्रस्तावित एनएच-75ई चाईबासा बाईपास सड़क निर्माण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोल्हान क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य को लागू करने से पहले गांव के मुंडा और ग्रामीणों की सहमति लेना विलकिंसन रूल्स के तहत आवश्यक है
बलभद्र सवैंया ने आरोप लगाया कि अंचल के अधिकारियों द्वारा बिना ग्रामीणों की सहमति के साउंड सिस्टम से अनाउंसमेंट कर सड़क निर्माण की प्रक्रिया चलाना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है. उन्होंने चेताया कि इस तरह के कार्य कोल्हान की शांति व्यवस्था को भंग कर सकते हैं.पुरखों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे : कालुंडिया
समिति के पदाधिकारी केदारनाथ कालुंडिया ने कहा कि कोल्हान की जल, जंगल और जमीन आदिवासी और मूलवासियों की धरोहर है, जिसे उनके पूर्वजों ने मेहनत और बलिदान से संजोया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह भूमि हमें दान में नहीं मिली है, बल्कि यह हमारे पुरखों की तपस्या और त्याग की पहचान है. हम उनकी कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे.बैठक में ये थे उपस्थित
बैठक में मुंडा गुरुचरण देवगम, दीपु सवैंया, सोहेल देवगम, रघुनाथ सवैंया, योगेश देवगम, सहित 60 से अधिक गांवों के ग्रामीण उपस्थित थे. महिलाओं की भी भागीदारी देखी गयी, जिसमें मीनाक्षी देवगम, सरिता देवगम, लक्ष्मी सवैंया, शांति सवैंया, समेत कई महिलाएं शामिल थीं.
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