चाईबासा.
आकाशवाणी चाईबासा में ‘हो अखाड़ा’ कार्यक्रम की उद्घोषक रहीं पश्चिमी सिंहभूम जिले के हाटगम्हरिया प्रखंड अंतर्गत मृगीलिंडी गांव निवासी बिमला हेम्ब्रम सेवानिवृत्ति के बाद समाज को शिक्षा के माध्यम से सुमार्ग दिखा रही हैं. वह आकाशवाणी में अपने कार्यक्रम से समाज को खेती-गृहस्थी की बारीकियां बताती थीं. सन 2022 में सेवानिवृत्त हो गयीं. इसके बाद उन्होंने अपने समाज के शैक्षणिक पिछड़ेपन को दूर करने की ठानी. उक्त मुहिम में लगे लोगों के साथ मिलकर समाज सेवा में जुट गयीं. वर्तमान में सक्षम महिलाओं का समूह रेया उम्बुल संस्था की अध्यक्ष हैं. संस्था के माध्यम से बच्चों के शैक्षणिक उत्थान का कार्य कर रहे लोगों को यथासंभव सहयोग करती हैं. राजखरसावां (सरायकेला-खरसावां) के जानुमबेड़ा में जन्मी बिमला हेम्ब्रम ने चाईबासा के संत जेवियर्स बालिका उच्च विद्यालय से मैट्रिक और महिला कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. हो समाज के बुद्धिजीवियों के आर्थिक सहयोग से संचालित कोल्हान मॉडल पब्लिक स्कूल बासाकुटी की सदस्य भी हैं. यथासंभव आर्थिक सहयोग करती हैं. कमारहातु स्थित मसकल लाइब्रेरी के संचालन में सहयोग करती हैं. आदिवासी हो समाज महासभा के महिला विंग की सदस्य हैं. इसके माध्यम से अपने समाज की महिलाओं को शैक्षणिक व सामाजिक सुदृढ़ीकरण के लिए जागरूक करने का कार्य कर रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है